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Apple से जुड़ी एक लाख महिला कामगारों को मिलेगा आवास, भारत में सबसे बड़ा हॉस्टल प्रोजेक्ट

चीन और वियतनाम में इसी आवासीय मॉडल के परिणाम अच्छे रहे हैं। इससे न केवल महिला कर्मचारियों की दक्षता में सुधार हुआ है बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है।

Last Updated- November 06, 2024 | 11:34 PM IST
Apple iPhone exports

आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐपल अपने कारखानों में काम करने वाली 1 लाख महिला कर्मचारियों को हॉस्टल की सुविधा देने के लिए अपने वेंडरों के साथ मिलकर एक बड़ी योजना बना रही है। यह देश में किसी भी कंपनी के लिए सबसे बड़ी योजना होगी।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत बनने वाली इन आवास सुविधाओं के इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। चीन और वियतनाम में इसी आवासीय मॉडल के परिणाम अच्छे रहे हैं। इससे न केवल महिला कर्मचारियों की दक्षता में सुधार हुआ है बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है।

इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए ऐपल के तंत्र से जुड़ी कंपनियां राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ काम कर रही हैं। कुल मिलाकर, यह भारत के औद्योगिक इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हॉस्टल सुविधा होगा। ऐपल इकोसिस्टम देश में सबसे ज्यादा कामगारों को नौकरी (ब्लू कॉलर जॉब) देने वाला वाला बन गया है।

कंपनी इस वित्त वर्ष के अंत तक 2 लाख कामगारों (फिलहाल 1.75 लाख हैं) को नियुक्त करेगी। इनमें से 70 फीसदी से अधिक 18 से 24 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं हो सकती हैं। इनमें से करीब 80 हजार कामगार तमिलनाडु के फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और कर्नाटक के टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की आईफोन बनाने वाली तीन उत्पादन इकाइयों में कार्यरत हैं।

इतनी बड़ी संख्या में महिला कामगारों को रहने-खाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए (जिनमें से ज्यादातर दूसरे राज्यों से हैं) ऐपल की प्रमुख वेंडर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 40 हजार आवासीय इकाइयां बना रही हैं, जो तमिलनाडु के होसुर में उसकी ट्विन फैक्टरी के समीप होगी। उसके परिसर के पहले कारखाने में आईफोन के मैकेनिक्स का निर्माण हो रहा है और इसमें 15 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

टाटा वहीं पर जल्द ही दूसरा कारखाना शुरू करने जा रही है, जहां से आईफोन का उत्पादन किया जाएगा और इसके इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी यहां करीब 40 हजार कामगारों को रखेगी। इस संयंत्र के लिए नियुक्तियां शुरू भी हो चुकी हैं। सैलकॉम्प दूसरी वेंडर है जो ऐपल के लिए पावर एडाप्टर, एनक्लोजर और मैग्नेटिक बनाती है। कंपनी तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एसपीआर कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाए जा रहे करीब 4 हजार मकानों को लेगी।

इस बीच भारत में ऐपल के सबसे बड़े आईफोन वेंडर फॉक्सकॉन ने पहले से ही एक हॉस्टल सुविधा तैयार करने के बारे में बताया है, जिसे चेन्नई में स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कोऑपरेशन ऑफ तमिलनाडु (सिपकॉट) बना रही है और वहां करीब 18,720 आवासीय इकाइयां पूरी होने वाली हैं। इसके अलावा श्रीपेरंबुदूर में एसपीआर सिटी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड भी 18,112 इकाइयों वाली एक अलग सुविधा का निर्माण कर रही है।

फॉक्सकॉन में 41 हजार कर्मचारी हैं और उनमें से करीब 35 हजार महिलाएं हैं। कामगारों के लिए आवास बनाने का मॉडल चीन में ऐपल इंक की सफलता से मेल खाता है, जहां कंपनी के पास बड़े-बड़े कारखाने हैं। उदाहरण के लिए, द शेन्जेन कॉम्प्लेक्स (फॉक्सकॉन सिटी) में 4.20 लाख से अधिक कर्मचारियों का बसेरा है वहीं झेंग्झू की आईफोन सिटी में 3 लाख कर्मचारी रहते हैं। ऐपल को बड़ी संख्या में कामगारों की जरूरत इसलिए होती है क्योंकि उसके आईफोन को तैयार करने का काफी काम मैन्युअल तरीके से किया जाता है।

First Published - November 6, 2024 | 11:23 PM IST

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