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Ola Cabs इंटरनेशनल मार्केट को कहेगी अलविदा, कर्मचारियों को नोटिस भेजने के पीछे क्या है वजह

इंगलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में Ola Cabs अपने ऑपरेशन को बंद करने जा रही है। माना जा रहा है कि इसका फोकस इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ता जा रहा है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- April 09, 2024 | 6:22 PM IST

भारत सहित इंगलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कुल 250 शहरों में कैब सर्विस देने ओला कैब्स (Ola Cabs) ने इंटरनैशनल ऑपरेशन को बंद करने का ऐलान किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया में ओला कैब्स की राइड नहीं मिल सकेगी। कंपनी ने इसके लिए कर्मचारियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि 2010 में भाविश अग्रवाल की अगुवाई में साल 2018 में औला कैब्स ने इंटरनैशनल मार्केट में एंट्री की थी। मगर कंपनी को प्रतिस्पर्धी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है, जिसकी वजह से यह भारत में ही अपने बिजनेस पर फोकस नहीं कर पा रही है।

क्या है ओला के इंटरनेशनल मार्केट से एग्जिट की वजह

इंगलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ओला कैब्स अपने ऑपरेशन को बंद करने जा रही है। माना जा रहा है कि भारत में सरकार का फोकस इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ता जा रहा है, ऐसे में ओला चाहती है कि वह इस क्षेत्र में फोकस कर सके। कंपनी की योजना इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में पैठ बनाने की भी है।

इकनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट ने फर्म के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों का है जिसमें पर्सनल गाड़ियों के साथ कैब बिजनेस में भी भारत में विस्तार के अपार अवसर हैं। कंपनी ने इस फोकस के साथ अपनी प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन किया है और इंटरनेशनल राइड हेलिंग बिजनेस को बंद करने का फैसला किया है।

मनीकंट्रोल ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि कंपनी पर इंटरनेशनल लेवल पर पूरी तरह से गाड़ियों को इलेक्ट्रिक होने का दबाव बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया और इंगलैंड में इसे लेकर कैब एग्रीगेटर्स के बीच कंपटीशन भी तेज हो रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि इन सभी के लिए ओला कैब्स को अपने सभी मौजूदा बेड़े को EV (electric vehicle) में बदलने के लिए अपने निवेश को दोगुना करना होगा।

घटी वैल्यूएशन

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में ही अमेरिकी एसेट मैनेजर वेनगॉर्ड (Vanguard ) ने ओला की वैल्यूएशन को 30 फीसदी घटाकर 2 अरब डॉलर यानी 2 बिलियन डॉलर से कम कर दिया।

पैरेंट कंपनी ANI Technologies का कैसा हाल

ओला ब्रांड की पैरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज (ANI Technologies) ने वित्त वर्ष 2023 में अपने कैब बिजनेस के समेकित शुद्ध घाटे (consolidated net loss) में 772.25 करोड़ रुपये की कमी का खुलासा किया, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 1,522.33 करोड़ रुपये था।

वहीं, FY23 के लिए कुल रेवेन्यू 58 फीसदी बढ़कर 2,135 करोड़ रुपये हो गया और कंपनी का कुल घाटा (overall loss narrowed ) 65 फीसदी कम होकर 1,082 करोड़ रुपये हो गया। ANI Technologies की वैल्यू 2021 में उसके सबसे लेटेस्ट फंडरेजिंग के बाद 7.3 बिलियन डॉलर हो गई थी और इसके बाद कंपनी ने अभी तक लाभ की रिपोर्ट नहीं की है।

जनवरी में, ओला ने राइड-हेलिंग व्यवसाय के लिए यूनिलीवर के पूर्व कार्यकारी हेमंत बख्शी को अपना नया CEO नियुक्त करने की घोषणा की थी।

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, ओला कैब्स के जरिये हर साल 1 अरब से ज्यादा बुकिंग मिलती है, जिसके लिए 15 लाख से ज्यादा ड्राइवर पार्टनर्स काम करते हैं। कंपनी ने यह भी बताया कि उसके कैब सेगमेंट के लिए 7,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।

First Published : April 9, 2024 | 6:04 PM IST