सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा उत्पादक कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड असम व राजस्थान में कई नए कुएं व गैस क्षेत्र से उत्पादन की उम्मीद कर रही है, जिससे कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष में 38 लाख टन कच्चे तेल के उत्पादन में सक्षम हो जाएगी।
कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक रंजीत रथ ने ये बातें कही है। नया लक्ष्य 2022-23 के उत्पादन के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है।
रथ ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि असम की तेल कंपनी को उम्मीद है कि उत्पादन वृद्धि अनुबंध के तहत तीन गैस क्षेत्र चालू हो जाएंगे। उन्होंने लकवागांव-1 का नाम लिया और कहा कि सेसबिल क्षेत्र से अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है।
इसे जनवरी में खोजा गया था और यहां पहले ही उत्पादन शुरू हो चुका है। बागजान गैस क्षेत्र का भी अधिक गहनता से अन्वेषण किया जाना है।
रथ ने कहा कि कंपनी अपने गैस पोर्टफोलियो में आक्रामक वृद्धि पर भी नजर रख रही है। ऑयल इंडिया साल 2040 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए करीब 25,000 करोड़ रुपये (3.38 अरब डॉलर) का निवेश करने की योजना बना रही है।
रथ ने कहा कि 2जी एथनॉल खंड में कंपनी 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर नजर रखी है। कंपनी ने कुल अनुमानित वित्तीय परिव्यय के साथ 20 किलो टन प्रति वर्ष (केटीपीए) हरित हाइड्रोजन उत्पादन स्थापित करने की भी योजना बनाई है।