रूस समर्थित भारतीय रिफाइनर नायरा एनर्जी ने यूपोरीय संघ द्वारा 18 जुलाई को प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पहली बार पेट्रोल कार्गो का निर्यात किया है। शिपिंग से जुड़े 4 सूत्रों और एलएसईजी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सूत्रों और एलएसईजी शिपिंग के आंकड़ों के मुताबिक टेंपेस्ट ड्रीम नाम का एक टैंकर 43,000 टन (3,63,350 बैरल) पेट्रोल लेकर सोमवार को निकला है।
शिपिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि जून में ब्रिटेन द्वारा प्रतिबंधित जहाज सोहार, ओमान के लिए निकला है, हालांकि खरीदार के विस्तृत ब्योरे की पुष्टि नहीं हो सकी है।
मुंबई की नायरा एनर्जी ने इस सिलसिले में रॉयटर्स के सवाल का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया।
दूसरा जहाज सार्ड इस समय पश्चिमी भारतीय बंदरगाह वाडिनार पर है। इसका उपयोग नायरा करती है। दो सूत्रों और एलएसईजी शिपिंग के आंकड़ों के अनुसार यह लगभग 43,000 टन डीजल ले जाने के लिए तैयार है।
प्रतिबंधों के कारण जहाज मिलने और बंदरगाह से ईंधन बेचने में कठिनाइयों के कारण नायरा को वाडिनार में अपनी 4,00,000 बैरल प्रतिदिन की क्षमता वाली रिफाइनरी में कच्चे तेल की आपूर्ति कम करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। नायरा के भारत में 6,600 पेट्रोल पंप हैं। उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने सरकारी ईंधन विक्रेताओं से घरेलू बिक्री के लिए संपर्क साधा है।