facebookmetapixel
Infosys buyback: नंदन नीलेकणी-सुधा मूर्ति ने ठुकराया इन्फोसिस का ₹18,000 करोड़ बायबैक ऑफरGold-Silver Price Today: भाई दूज पर सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, खरीदने से पहले जान लें आज के दामट्रंप बोले – मोदी मान गए! रूस से तेल खरीद पर लगेगा ब्रेकछोटे कारोबारों को मिलेगी बड़ी राहत! जल्द आने वाला है सरकार का नया MSME सुधार प्लानशराबबंदी: समाज सुधार अभियान या राजस्व का नुकसानOpenAI ने Atlas Browser लॉन्च किया, Google Chrome को दी सीधी चुनौतीDelhi pollution: लगातार दूसरे दिन जहरीली हवा में घुटी दिल्ली, AQI 353 ‘बहुत खराब’ श्रेणी मेंDiwali accidents: पटाखों से देशभर में जानलेवा हादसे बढ़ेAI में इस साल निवेश होगा 20 अरब डॉलर के पार!Stock Market Update: सेंसेक्स 700 अंक उछला, निफ्टी 26,000 के पार; IT शेयरों में जोरदार तेजी

In Parliament: ‘पेट्रोलियम राष्ट्रीय संपत्ति’, तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 पर संसद में बोली सरकार

दुनिया में एलपीजी सिलेंडर की सबसे कम कीमत भारत में है। देश में गैस कनेक्शन 2014 के 14 करोड़ से बढ़ कर वर्तमान में 33 करोड़ हो चुके हैं

Last Updated- December 03, 2024 | 6:52 PM IST
'पेट्रोलियम राष्ट्रीय संपत्ति', तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 पर संसद में बोली सरकार 'Petroleum is national asset', government said in Parliament on Oil Sector (Regulation and Development) Amendment Bill 2024

तेल को राष्ट्रीय संपत्ति बताते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश के विकास के लिए इसका समुचित तरीके से दोहन किया जाना चाहिए और बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में इस क्षेत्र में आत्म निर्भरता बेहद जरूरी है। तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत होती है और परिणाम मिलने में लंबा समय लगता है।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतिगत पंगुता का खामियाजा हमें भुगतना पड़ा। 2006 से 2014 का समय वह था जब कई विदेशी कंपनियों ने हमसे मुंह मोड़ लिया था क्योंकि उन्हें देश में काम करने की अनुमति नहीं मिल पाई थी। इसके प्रतिकूल परिणाम मिले। दुनिया में पांच बड़ी तेल कंपनियां हैं, लेकिन हम इनका लाभ नहीं उठा सके। ऐसा 35 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र है जिसमें कुछ हिस्सा निषिद्ध क्षेत्र है। 2014 में जब नीतियां बदलीं तो नए अनुबंध हुए और इस क्षेत्र में तेल की खोज शुरु हुई जिसका लाभ देश को मिला। तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 के अनुसार, तेल क्षेत्र के विवाद के हल के लिए मध्यस्थता की व्यवस्था रहेगी और अधिकार क्षेत्र की व्यवस्था इसलिए है ताकि नियमों का उल्लंघन न हो। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम लीज का जिम्मा आज भी राज्यों के पास ही होगा।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट्र किया कि देश में केवल सात दिन का पेट्रोलियम भंडार होने की बात सही नहीं है, हमारे पास किसी भी कठिन हालात के लिए पर्याप्त पेट्रोलियम भंडार है। इसमें आपातस्थिति को भी ध्यान में रखा गया है। भारत आत् निर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के कारण निर्यातक देश भी बदले हैं। आज आयात की प्रक्रिया भी बदली है और यह धारणा सही नहीं है कि सस्ता तेल होने की वजह से किसी खास देश से ही आयात किया जाता है।

दुनिया में सबसे सस्ता गैस सिलिंडर भारत में

पुरी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद देश वासियों को राहत नहीं दिए जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं उनमें विभिन्न शुल्कों में कटौती कर पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए गए हैं। आज भारत में एलपीजी सिलेंडर दुनिया में सबसे कम कीमत में दिया जाता है। देश में गैस के कनेक्शन 2014 के 14 करोड़ से बढ़ कर 33 करोड़ हो चुके हैं जिसका मतलब है कि देश में एलजीपी सिलेंडर का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है।

एथेनाल मिक्सिंग 1.4% (2014) से 16.9% (2024) हो गई

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्ष 2014 में जैव ईंधन में मिश्रण 1.4 फीसदी था और आज पर्याप्त इकोसिस्टम के कारण पिछले माह एथेनाल मिश्रण 16.9 फीसदी रहा। हमारा लक्ष्य 2030 तक 20 फीसदी मिश्रण करने का है। लेकिन जो प्रगति है, उसे देख कर लगता है कि हम अक्टूबर 2025 तक यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे। ग्रीन हाइड्रोजन का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि देश में इसकी मांग, उत्पादन और खपत की पूरी गुंजाइश और संभावना है।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि निवेशक एक ही लीज, एक ही लाइसेंस के साथ अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सकें और विवादों का समाधान भी तय समय पर होगा। पुरी ने कहा कि राज्यों के लिए भी इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार,लाभकारी स्थिति है। तेल एक राष्ट्रीय संपत्ति है और देश की बेहतरी के लिए इसका दोहन किया जाता है। तमाम पहलुओं को ध्यान में रख कर ही यह संशोधन विधेयक लाया गया है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। माकपा के जॉन ब्रिटास तथा ए रहीम ने अपने अपने संशोधन पेश किए जिन्हें मंजूरी नहीं मिली।

First Published - December 3, 2024 | 5:37 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट