भारत में बिजली का उत्पादन करने वाली कंपनी NTPC की माइनिंग शाखा लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे बैटरी मिनरल्स के लिए विदेशों से आयात करेगी। यह जानकारी रॉयटर्स ने दी।
दुनिया के टॉप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक दक्षिण एशियाई देश, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली जैसे संसाधन संपन्न देशों (resource-rich countries) में प्रमुख खनिजों को सुरक्षित करने के लिए अन्य देशों के साथ समझौते पर काम कर रहा है। भारत का लक्ष्य 2070 तक ग्रीनहाउस गैसों का शुद्ध शून्य उत्सर्जक बनना है।
कंपनी के एक सूत्र ने कहा, ‘हम महत्वपूर्ण खनिजों, विशेष रूप से लिथियम, निकल और कोबाल्ट में विविधता लाने के इच्छुक हैं।’ रॉयटर्स को सूत्रों ने यह नहीं बताया कि बैटरी खनिजों की सोर्सिंग का पता लगाने के लिए भारत कई देशों से बात करेगा।
भारत सरकार ने जुलाई में निकेल, टाइटेनियम, वैनेडियम और टंगस्टन सहित 30 मिनरल्स को अपनी क्लीन एनर्जी को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण (critical) मिनरल्स के रूप में लिस्ट किया था।
सूत्रों ने कहा कि एनटीपीसी माइनिंग (NTPC Mining ) भारत में यूरेनियम खनन की भी संभावना तलाशेगी।
कंपनी की योजनाओं पर खबर आने के बाद NTPC के शेयरों में करीब 2% तक की बढ़ोतरी हुई।