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अब जेट की नजर छोटी कंपनियों पर

Last Updated- December 05, 2022 | 7:06 PM IST

देश की सबसे बड़ी निजी विमान कंपनी जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल सहारा एयरवेज के अधिग्रहण के बाद भी संतुष्ट नहीं है।


अब उनकी योजना देश की छोटी विमान कंपनियों के अधिग्रहण की है। छोटी विमान कंपनियों के अधिग्रहण के जरिये गोयल जेट एयरवेज का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं।


जेट समूह कार्गो व्यापार के लिए एक अलग कंपनी की स्थापना की योजना भी बना रहा है। अगले छह महीनों में इसकी प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। इस योजना के बारे में गोयल ने बताया कि बाजार हमेशा एक सा नहीं रहता है। यहां चीजें बदलती रहती हैं। जो भी बदलाव जेट एयरवेज के शेयर धारकों के लिए अच्छा होगा जाहिर सी बात है कि कंपनी भी ऐसे बदलाव का फायदा उनकी भलाई के लिए उठाना चाहेगी।


जेटलाइट (पहले एयर सहारा) के साथ मिलकर जेट एयरवेज अब घरेलू बाजार में लगभग 29 फीसदी का हिस्सेदार है। एयर सहारा नरेश गोयल का पहला अधिग्रहण था। कार्गो व्यापार के  लिए गोयल की योजना लगभग पांच से छह विमान खरीद कर एक्सप्रेस कार्गो सेवा शुरू करने की है। एक्सप्रेस कार्गो सेवा में निश्चित अवधि के भीतर ही माल की डिलीवरी की जाती है।


अभी इस क्षेत्र में किसी भी कंपनी ने कदम नहीं रखा है, इसलिए इसमें प्रतिस्पर्धा भी कम ही है। इस योजना के लागू होने के बाद आने वाले छह से बारह महीनें में कार्गो व्यापार कंपनी की कुल आय में 15 फीसदी आय का हिस्सेदार होगा। अभी इसकी हिस्सेदारी कुल आय में इसकी हिस्सेदारी 8 फीसदी ही है।


उन्होंने बताया कि कंपनी नए विमान खरीदने के अलावा अपने ही कुछ विमानों को भी इस काम के लिए इस्तेमाल करेगी। जेट एयरवेज के मुख्य व्यवसायिक अधिकारी सुधीर राघवन ने बताया कि कंपनी छोटे स्तर पर कार्गो सेवा मुहैया कराने के लिए अभी क्षेत्रीय विमान सेवा देने वाली कंपनियों से भी बात कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी कार्गो सेवा के लिए बड़े विमानों के इस्तेमाल से संबंधित लॉजिस्टिक तैयार कर रही है।


बाजार सुधरा तो जारी होंगे राइट इश्यू


जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल ने बताया कि जैसे ही बाजार की हालत थोड़ी बेहतर होगी, उसी समय कं पनी दो बार टाल चुकी अपने राइट इश्यू जारी करने की घोषणा करेगी।


जेट एयरवेज इस इश्यू के जरिये लगभग 1600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इस राशि का इस्तेमाल कंपनी पिछले तीन साल में खरीदे गए विमानों के भुगतान के लिए करेगी। इश्यू जारी करते वक्त किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं दी जाएगी।


गोयल ने बताया कि बाजार की हालत सुधरने पर वो भी अपनीे निजी इक्विटी का पांच से दस फीसदी हिस्सा बेच देंगे। जेट की बाजार पूंजी 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।  इस कारण यह स्टॉक एक्सचेंज के उस नियम के दायरे से बाहर है जिसके मुताबिक कंपनी के प्रमोटर 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी अपने पास नहीं रख सकते हैं।



जेट एयरवेज ने अपने राइट इश्यू पिछले साल सितंबर में जारी करने का फैसला किया था। पर इसे बाजार की खस्ता हालत के चलते मार्च तक के लिए टाल दिया गया था।

First Published - April 5, 2008 | 12:54 AM IST

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