निजी ब्रांड की बदौलत कारोबार को मिलने वाले मुनाफे को देखते हुए मुकेश अंबानी की उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की शृंखला रिलायंस डिजिटल भी जल्द ही निजी ब्रांड के बाजार में उतारने की मूड में दिखाई दे रही है।
कंपनी होम थिएटर, एलसीडी टेलीविजन और डिजिटल कैमरा के लिए निजी ब्रांड लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस ब्रांड का नाम आरएलडिजि हो सकता है।
रिलायंस डिजिटल इसके लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और उपकरण बनाने वाली कंपनियों से गठजोड़ करने की योजना बना रही है।
यह निजी ब्रांड आने वाले सालों में रिलायंस डिजिटल के कारोबार में 12 से 15 प्रतिशत का योगदान देंगे।
उच्च गुणवत्ता वाली उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में मुनाफा लगभग 8 से 10 प्रतिशत तक होता है। निजी ब्रांड की बेहतर उपलब्धता और ब्रांडिंग के चलते यह मुनाफा 18-25 प्रतिशत तक होता।
रिलायंस डिजिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय बेजाल ने इस खबर से इनकार कर दिया, लेकिन उनका कहना है, ‘जब हम 10 से 12 स्टोर खोल लेंगे उसके बाद हम निजी ब्रांडों को लॉन्च करेंगे।
हम कुछ श्रेणियों का मूल्यांकन कर रहे हैं, जिनमें हम निजी ब्रांड ला सकते हैं। इससे पहले हमें उपभोक्ता के स्वभाव को भी जानना होगा।’
वर्तमान में रिलयांस डिजिटल का एक-एक स्टोर बेंगलुरु, हैदराबाद, नोएडा और गाजियाबाद में है और अगले तीन से चार साल में 150 से अधिक स्टोर खोलने की योजना है।
साथ ही कंपनी का एप्पल के साथ, उसके उत्पाद ‘आईस्टोर’ में बेचने का गठजोड़ भी है। बेजाल का कहना है, ‘कंपनी अगले 18 से 24 महीनों में 60 आईस्टोर स्थापित करेगी।’
कंपनी ने हैदाराबाद और बेंगलुरु के बाद मुंबई में भी कल अपना आईस्टोर खोला है।
किशोर बियानी के फ्यूचर समूह के होम सॉल्यूशन रिटेल (एचएसआरआईएल) पहले ही कोरयो और सेनसेई दो निजी ब्रांड लॉन्च कर चुका है।
इन ब्रांड में एलसीडी, डिजिटल विडियो कैमरा, एमपी3 प्लेयर, टीवी शृंखला और अन्य उत्पाद शामिल हैं।
यह दोनों निजी ब्रांड एचएसआरआईएल के कुल उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के कारोबार में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। विडियोकॉन कंपनी ने भी नेक्स्ट नाम से ब्रांड लॉन्च किया।
इस बैनर तले कंपनी टेलीविजन, कॉर्डलेस आयरन, टोस्टर और माइक्रोवेव अवन जैसे उपभोक्ता टिकाऊ उत्पाद बाजार में लाई।
टाटा की क्रोमा भी उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और इलेक्ट्रिॉनिक्स में निजी ब्रांड उतारने की योजना बना रही है। रिलायंस डिजिटल लगभग 6 हजार उत्पाद बेचती है।
साथ ही कंपनी का 2012 तक 16 हजार करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य है।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के अनुसार उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और इलेक्ट्रिनिक्स का बाजार लगभग 32 हजार करोड़ रुपये का है।