मुरुगप्पा समूह की होल्डिंग कंपनी अंबादी इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (एआईएल) के शेयरधारकों ने निदेशक मंडल में 59 वर्षीय वल्ली अरुणाचलम को लाए जाने के खिलाफ मतदान किया है। एआईएल के निदेशकमंडल में केवल पुरुष सदस्य ही हैं। अरुणाचलम ने अगस्त 2020 में अपनी उम्मीदवारी का प्रस्ताव निदेशक कार्यालय को भेजा था। उन्होंने इसके लिए आवश्यक 1 लाख रुपये भी जमा कराए थे। 21 सितंबर को एआईएल के शेयरधारकों की बैठक हुई थी और अरुणाचलम की उम्मीदवारी के प्रस्ताव पर मतदान हुआ था। शेयरधारकों में अरुणाचल के चाचा और सगे-संबंधी शािमल थे।
अरुणाचलम की उम्मीदवारी के प्रस्ताव के पक्ष में 2,00,522 मत पड़े, जबकि प्रस्ताव के खिलाफ 21,21,138 वोट पड़े। प्रस्ताव के पक्ष में केवल चार सदस्यों ने मतदान किया, जबकि 39 शेयरधारकों ने इसके विरोध में मत डाले। अमेरिका में रहने वालीं वल्ली अरुणाचल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस मामले में परिवार का जो रवैया रहा है उससे वह विस्मित हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सूरत में हम न्याय पाने के लिए प्रयास करते रहेंगे और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। मेरा हमेशा से ऐसा मानना रहा है कि परिवार के मुद्दे परिवार के बीच ही निपटाने चाहिए लेकिन ऐसा लगता है कि परिवार रूढि़वाली सोच से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है। अगर न्यायालय जाने की नौबत भी आई तो हम नहीं हिचकेंगे।’
उनकी प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं साधा जा सका। अरुणाचलम निदेशक मंडल में अपने पिता की उत्तराधिकारी का अधिकार पाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। अगर शेयरधारकों ने उनके पक्ष में मतदान किया होता तो एआईएल के निदेशक मंडल की वह पहली महिला सदस्य बन जातीं।
अरुणाचलम कंपनी के पूर्व कार्यकारी निदेशक एम वी मुरुगप्पन की सबसे बड़ी पुत्री हैं। अरुणाचलम ने इस साल जनवरी में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि अपने पिता की उत्तराधिकारी होने के बावजूद उन्हें एआईएल के निदेशक मंडल में जगह नहीं दी जा रही है। मुरुगप्पन का 2017 में देहांत हो गया था। अरुणाचलम, उनकी बहन और उनकी माता का एआईएल में 8.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि समूह के प्रवर्तक महिलाओं के साथ भेदभाव कर रहे हैं और वे पारिवारिक कारोबार में महिलाओं को नहीं आने देना चाहते हैं। अरुणाचलम ने कहा कि इसी वजह से उन्हें और उनकी बहन को एआईएल के निदेशक मंडल में जगह नहीं दी गई। उन्होंने कहा था कि उनकी पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार का एआईएल में प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। एआईएल के निदेशक मंडल में 8 सदस्य हैं और सभी पुरुष हैं। इससे पहले अरुणाचलम ने मुरुगप्पा समूह परिवार के समक्ष दो प्रस्ताव रखे थे। पहले प्रस्ताव के तहत उन्होंने स्वयं या अपनी बहन वेलाची मुरुगप्पन के लिए निदेशक मंडल में जगह मांगी थी। दूसरे प्रस्ताव के तहत उन्होंने एआईएल में अपने परिवार की 8.15 प्रतिशत हिस्सेदारी उचित मूल्य पर खरीदने के लिए कहा था।
हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के तहत महिलाएं परिवार की प्रमुख बन सकती हैं और पुत्रियां पुत्रों की तरह ही संपत्ति में हिस्सेदारी ले सकती हैं। अरुणाचलम एमवीवी हिंदू अविभाजित परिवार की प्रमुख हैं। इस परिवार की एआईएल में हिस्सेदारी है।