देश में सबसे बड़ी खुदरा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) श्रीराम फाइनैंस (Shriram Finance) वाणिज्यिक और यात्री वाहनों में मौजूदा पकड़ मजबूत करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यमों (MSME) में मौजूदगी बढ़ाने की योजना बना रही है। कार्यकारी वाइस-चेयरमैन उमेश रेवांकर को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 में कंपनी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (AUM) में 15 प्रतिशत का इजाफा होगा।
रेवांकर ने शाइन जैकब के साथ NBFC के विकास तथा आवास वित्त शाखा में हिस्सेदारी बिक्री की योजना के संबंध में बातचीत की। पिछले साल श्रीराम सिटी यूनियन (Shriram City Union), श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी (Shriram Transport Finance Company) और श्रीराम कैपिटल (Shriram Capital) का विलय कर श्रीराम फाइनैंस (Shriram Finance) का गठन किया गया था।
यह तुलना सही नहीं होगी, खास तौर पर इस वजह से क्योंकि परिदृश्यों के वे दो अलग-अलग समूह हैं। पिछले साल ये आंकड़े व्यक्तिगत आधार पर थे और पिछली तिमाही में एकीकरण के बाद का पहला परिणाम था। इस तिमाही में हमारे पास एकीकरण के लिए 303 करोड़ रुपये का अतिरिक्त विलय शुल्क था।
आंकड़े कम दिखने की एक वजह यह भी है। कुल मिलाकर वितरित राशि में वृद्धि और AUM वृद्धि काफी अच्छी रही है। अगर आप इस वर्ष की AUM वृद्धि को देखें, तो यह 16 प्रतिशत थी। पिछली तिमाही में वितरित राशि 31,054 करोड़ रुपये थी तथा तिमाही आधार पर AUM वृद्धि 4.61 प्रतिशत रही। ये सभी सकारात्मक हैं और शुद्ध ब्याज मार्जिन पिछली तिमाही के 8.52 प्रतिशत की तुलना में 8.55 प्रतिशत रहा।
पिछली तिमाही की तुलना में अतिरिक्त शुल्कों की वजह से लाभ के आंकड़े कम दिखते हैं। वरना वॉल्यूम और वितरित राशि की वृद्धि काफी अच्छी रही। उन सभी खंडों में, जिनमें हम हैं – वाणिज्यिक वाहन, यात्री वाहन, निर्माण उपकरण, सोना, दोपहिया वाहना और MSME में तिमाही और सालाना आधार दोनों में ही अच्छी वृद्धि देखी गई।
हम विभिन्न इच्छुक पार्टियों से बात कर रहे हैं, लेकिन किसी भी समय 15 प्रतिशत बेचने की कोई निश्चित योजना नहीं है।
निश्चित रूप से एक वजह विलय रहा। हमारे पास अब बड़ा नेटवर्क है, जो वास्तव में वृद्धि करने में मदद करता है, खास तौर पर जब से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में हमारी मौजूदगी है। आपको कर्ज देने में इजाफा करने के लिए तैयारी और दायरे की आवश्यकता होती है।
इस विलय ने हमें वह अतिरिक्त नेटवर्क बनाने में मदद की है और इन सभी शाखाओं में अतिरिक्त योजनओं की क्षमता सृजित की है। मुझे कहना चाहिए कि जहां तक परिचालन का संबंध है, तो यह एकीकरण लगभग पूरा हो चुका है। हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष 24 में AUM को 15 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
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दायरा काफी अहम है और विलय के साथ अब हमने इसे निर्मित किया है। पुराने वाहनों में यह जानना जरूरी है कि कौन-से भौगोलिक क्षेत्र में इजाफा हो रहा है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही बाजारों में वृद्धि होगी। शहरी बाजारों में रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे का व्यय ज्यादा है। बुनियादी ढांच के संबंध में मांग सरकारी व्यय की ओर आ रही है।
सभी खंड सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं, चाहे ग्रामीण क्षेत्र में दोपहिया और ट्रैक्टर हों या शहरी क्षेत्र में यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन। चूंकि बुनियादी ढांचे में निवेश अधिक है, इसलिए मांग भी अधिक है। हमें पुराने वाहनों की मांग में भी तेजी आने की उम्मीद है।
MSME के लिए बड़े दायरे का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है। हम मूल रूप से दक्षिणी बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। श्रीराम सिटी यूनियन की दक्षिण में बड़ी मौजूदगी थी। आज श्रीराम ट्रांसपोर्ट की शाखाएं उपलब्ध होने के कारण इन भौगोलिक क्षेत्रों में कई कर्मचारी खासे अनुभवी हैं।