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NHRC ने Foxconn के खिलाफ विवाहित महिलाओं को नौकरी से बाहर रखने के आरोप पर नोटिस जारी किया

स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्रीय श्रम सचिव और तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- July 01, 2024 | 11:20 PM IST

तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में स्थित फॉक्सकॉन के असेंबली संयंत्र में विवाहित महिलाओं को जानबूझकर काम पर न रखे जाने संबंधी मीडिया में आई खबरों को स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय श्रम सचिव और तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। दोनों को इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है।

मानवाधिकार निकाय ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘एनएचआरसी ने मीडिया में आई रिपोर्टों को स्वतः संज्ञान में लिया है कि ऐपल डिवाइस बनाने वाली प्रमुख कंपनी फॉक्सकॉन ने तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर स्थित अपने असेंबली संयंत्र में विवाहित महिलाओं को योजनाबद्ध तरीके से नौकरियों से बाहर रखा है।

आयोग ने पाया कि अगर मीडिया में आई खबरें सही हैं तो यह विवाहित महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का गंभीर मसला है, जिससे समता के अधिकार व समान अवसर प्रदान करने के अधिकार का उल्लंघन होता है। इसे देखते हुए आयोग ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव और तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है और इस मसले पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।’

आयोग ने आगे यह भी संज्ञान में लिया कि ये आरोप फॉक्सकॉन, इंडिया के पूर्व एचआर अधिकारी द्वारा लगाए गए हैं कि कंपनी द्वारा भारतीय हायरिंग एजेंसियों को इस सिलसिले में मौखिक दिशानिर्देश दिए जाते हैं।

इसमें यह भी कहा गया है कि कंपनी सांस्कृतिक मसलों और समाज के दबाव के कारण विवाहित महिलाओं की भर्ती नहीं करती। निकाय ने कहा, ‘नोटिस जारी करते हुए आयोग ने इस तथ्य पर ध्यान दिलाया है कि लैंगिक समानता न सिर्फ भारत के संविधान में अनिवार्य किया गया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संधि और संविदाओं में भी यह अपेक्षित है।

यह बाध्यता है कि राज्य के प्राधिकारी सभी कंपनियों द्वारा श्रम कानून संबंधी नियमों और मानकों का पालन कराना, महिलाओं सहित किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और सम्मान का अधिकार सुनिश्चित कराएं, जो निजी क्षेत्र की किसी उत्पादन इकाई की आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा हैं।’

एनएचआरसी ने कहा, ‘विवाहित अभ्यर्थी और कंपनी की हायरिंग एजेंसी के बीच व्हाट्सऐप चैट का भी हवाला खबरों में दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि जब अभ्यर्थी ने वेतन और बच्चे की देखभाल के लिए कंपनी द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछा तो यह प्रतिक्रिया मिली कि विवाहित महिलाओं को अनुमति नहीं है। हालांकि खबरों के मुताबिक कंपनी ने वैवाहिक स्थिति, लैंगिक, धर्म या किसी अन्य तरह के भेदभाव संबंधी किसी आरोप से इनकार किया है।’

First Published : July 1, 2024 | 11:03 PM IST