FMCG दिग्गज नेस्ले इंडिया का शुद्ध लाभ सितंबर में समाप्त तिमाही में सालाना आधार पर 37.28 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 908.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसे सभी अहम ब्रांडों के स्थिर प्रदर्शन से सहारा मिला। किटकैट चॉकलेट व नेसकैफे कॉफी निर्माता जनवरी-दिसंबर के वित्त वर्ष का अनुपालन करती है।
कंपनी ने ब्लूमबर्ग के 785.3 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के अनुमान को पीछे छोड़ दिया। इस अवधि में कंपनी की शुद्ध बिक्री 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 5,009.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 4,577.4 करोड़ रुपये रही थी। यह पहला मौका है जब कंपनी की शुद्ध बिक्री किसी तिमाही में 5,000 करोड़ रुपये के पार निकली है।
कंपनी का एबिटा तिमाही में 31.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,364.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नेस्ले इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा, हमारा टर्नओवर 5,000 करोड़ रुपये के पार निकल गया, जो कंपनी के इतिहास में पहली ऐसी तिमाही है। छोटे शहरों व बड़े गांवों में ब्रांडों के अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति से कंपनी की रफ्तार को बल मिला।
तिमाही में कंपनी की देसी बिक्री 10.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4,823.72 करोड़ रुपये रही। नारायणन ने कहा, देसी बिक्री में दो अंकों में इजाफा हुआ। अहम ब्राडों का बेहतर प्रदर्शन जारी रहा, जिसकी अगुआई किटकैट, नेसकैफे क्लासिक, नेसकैफे सनराइज, मंच और मिल्कमेड ने की।
कंपनी के निदेशक मंडल ने 1:10 के अनुपात में शेयर ववाजन को मंजूरी दी है। इसके अलावा बोर्ड ने 2023 के लिए दूसरे अंतरिम लाभांश 140 रुपये प्रति शेयर को मंजूरी दी, जिस पर 1,349.82 करोड़ रुपये खर्च होंगे।