वेदांत (Vedanta) के कारोबार अलग करने की योजना के बारे में कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने शेयरधारकों को जानकारी दी कि योजना अभी एनसीएलटी के अनुमोदन स्तर पर है। अरबपति कारोबारी ने यह भी कहा कि राइट्स इश्यू की कोई तत्काल योजना नहीं है।
कंपनी का सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा, ‘हमें सभी ऋणदाताओं की मंजूरी मिल गई है।’ उन्होंने कहा कि अगला चरण राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) से मंजूरी मिलने का है। कारोबार अलग करने की समय सीमा मौजूदा वित्त वर्ष है।
सितंबर में वेदांत ने घोषणा की थी कि वह अपने कारोबार को छह अलग-अलग सूचीबद्ध-वेदांत अल्युमीनियम, वेदांत ऑयल ऐंड गैस, वेदांत पावर, वेदांत स्टील ऐंड फेरस मेटेरियल्स, वेदांत बेस मेटल और वेदांत लिमिटेड में बांटेगी।
अग्रवाल ने बुधवार को अपने भाषण में कहा, ‘हम अपने कारोबार को अलग करने में आगे बढ़ रहे हैं, जो वेदांत की 6 मजबूत कंपनियां बनाएगा प्रत्येक अपने आप में वेदांत होगा।’
अपने भाषण में अग्रवाल ने शेयरधारकों को पूंजीगत व्यय के तौर पर 8 अरब डॉलर की निवेश योजना के बारे में भी जानकारी दी। शेयरधारकों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए आंतरिक संसाधनों से रकम जुटाई जाएगी। विकास परियोजनाओं में हमारे निवेश पर्याप्त है, जो करीब 8 अरब डॉलर का है। इनमें हमारा एल्युमिनियम स्मेल्टर, एल्यूमिना रिफाइनरी, सउदी अरब में कॉपर स्मेल्टर, नए तेल और गैस खंड में निवेश और हमारे स्टील एवं लौह अयस्क कारोबारों का विस्तार शामिल है।
अग्रवाल ने कहा, ‘हम निकट भविष्य में 10 अरब डॉलर के अपने एबिटा लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी अच्छी स्थिति में हैं।’ ब्याज, कराधान, डेप्रिसिएशन और परिशोधन से पहले की कमाई एबिटा होती है।
राइट्स इश्यू के जरिये रकम जुटाने की किसी भी योजना पर अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। खनिज-धातु क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों के बारे में अग्रवाल ने कहा, ‘आज हमारे आयात का 50 फीसदी यानी 350 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का तेल और गैस सहित खनिज एवं धातु है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ेगी यह दोगुनी और तिगुनी हो जाएगी। एक क्षेत्र 1 लाख करोड़ डॉलर का अवसर है।’