वैश्विक एल्युमिनियम बाजार में एक प्रमुख कंपनी बनने के अपने लंबे समय के सपने को पूरा करने के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) विस्तार पर 9000 करोड़ रुपये लगाने पर विचार कर रही है।
नालको की स्थापना के बाद से लेकर अब तक यह इसका तीसरा और सबसे बड़ा विस्तार कार्यक्रम होगा। इसकी विस्तार योजना में स्मेल्टर क्षमता 6.3 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष किए जाने, कैप्टिव विद्युत उत्पादन 1600 मेगावाट-1700 मेगावाट और रिफाइनरी क्षमता बढ़ा कर 29,75,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष किया जाना शामिल है।
यह विस्तार कार्य दूसरे चरण का विस्तार कार्य समाप्त होने के बाद शुरू किया जाएगा। दूसरे चरण का कार्य समाप्त होने की समय-सीमा दिसंबर, 2008 निर्धारित की गई है। नालको ने पहले चरण के विस्तार पर 3600 करोड़ रुपये का निवेश किया और दूसरे चरण पर अब तक 4092 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
विस्तार के तीसरे चरण के लिए कंपनी ने अंगुल में स्मेल्टर क्षमता में बढ़ा कर 6.3 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष करने की योजना बनाई है। इसी तरह विद्युत उत्पादन में वृद्धि किए जाने की योजना है। कैप्टिव विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 210 से 250 मेगावाट क्षमता वाली दो और इकाइयों को जोड़ा जाएगा।अधिकारियों के मुताबिक स्मेल्टर क्षमता में विस्तार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अगले 6 से 9 महीने में तैयार कर लिए जाने की संभावना है।
हालांकि प्रस्ताव शुरुआती चरण में हैं।पहले चरण के विस्तार के तहत तीन पॉटलाइंस की शुरुआत के बाद कंपनी की स्मेल्टर क्षमता 3.45 लाख टन प्रति वर्ष हो गई थी। दूसरे चरण के विस्तार के दॉरान चौथा पॉटलाइन जोड़ा जा रहा है जिसके 2008 के अंत तक तैयार हो जाने की संभावना है। दूसरा चरण पूरा हो जाने के बाद स्मेल्टर द्वामता 4.6 लाख टन प्रति वर्ष हो जाएगी।
बहरहाल, नालको ने अंगुल में अपने मौजूदा स्मेल्टर एवं विद्युत परिसर के पास लगभग 264 एकड़ की अतिरिक्त भूमि खरीदने के लिए सरकार के स्वामित्व वाले इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से संपर्क किया है।