रूस की रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली नायरा एनर्जी ने अपने स्वतंत्र निदेशकों – पूर्व बैंकर नैना लाल किदवई और पीडब्ल्यूसी इंडिया के पूर्व चेयरमैन दीपक कपूर को 2.7 लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस का भुगतान करने के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है।
शेयरधारकों को भेजे गए नोटिस के अनुसार बैठक शुल्क के अलावा पारिश्रमिक का भुगतान डॉलर के उस मूल्य के बराबर भारतीय मुद्रा में किया जाएगा, जो पारिश्रमिक भुगतान वाले दिन विनिमय दर पर चल रहा होगा।
कंपनी ने कहा है कि नायरा एनर्जी ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 1,029.9 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, लेकिन पिछले संचित नुकसान के समायोजन की वजह से मुनाफा अपर्याप्त रहा और जिसके परिणामस्वरूप 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में स्वतंत्र, गैर कार्यकारी निदेशकों के लिए प्रस्तावित पारिश्रमिक भुगतान उस सीमा को पार कर गया और इस कारण सरकार की अनुमति की जरूरत है। खबर लिखे जाने तक कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। कंपनी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि किदवई और कपूर के पारिश्रमिक में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्हें 24,00,000 रुपये के बैठक शुल्क के अलावा अतिरिक्त पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है।
शेयरधारकों को अपने विवरण नोट में कंपनी ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों को भुगतान किए जाने का प्रस्तावित पारिश्रमिक उद्योग में समान कार्यभार के लिए भुगतान किए जा रहे पारिश्रमिक के बराबर है। इसमें कहा गया है कि दोनों स्वतंत्र निदेशक पेशेवर क्षमता के साथ कंपनी से जुड़े हैं और उनकी कंपनी की पूंजी में कोई रुचि नहीं है। कंपनी के एक सूत्र ने इस बात का संकेत दिया है कि कंपनी को स्वतंत्र निदेशकों की कमी से नहीं जूझना पड़ रहा है तथा किदवई और कपूर की मौजूदगी इस बात का सबूत है। सूत्रों ने इस बात का भी संकेत दिया कि आंशिक रूप से रूसी तेल दिग्गज रोसनेफ्ट के सवामित्व वाली कंपनी होने के नाते नायरा के संचालन या स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति में गतिरोध नहीं है क्योंकि दोनों देश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।