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एमटीएनएल को ऋण में छूट नहीं

वित्त मंत्रालय ने एमटीएनएल के अनुरोध को खारिज किया

Last Updated- February 09, 2025 | 10:01 PM IST
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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के ऋण में कुछ छूट दिए जाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमटीएनएल ने सरकारी बैंकों से उसके ऋण में कुछ छूट दिए जाने का अनुरोध किया था।

एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, ‘एमटीएनएल का ऋण समाधान की प्रक्रिया में हैं। हम दूरसंचार विभाग और एमटीएनएल से विचार-विमर्श कर रहे हैं। हमने ऋण में छूट का एमटीएनएल का अनुरोध ठुकरा दिया है क्योंकि वह सार्वजनिक उपक्रम है और उसके ऋण में छूट केंद्र सरकार की चूक या डिफॉल्ट माना जाएगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी को 8,144 करोड़ रुपये दिए हैं और उनका यह ऋण गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में बदल गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के सात बैंकों यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (3,453 करोड़ रुपये), इंडियन ओवरसीज बैंक (2,319 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ इंडिया (1,053.8 करोड़ रुपये), पंजाब नैशनल बैंक (454 करो़ड़ रुपये), भारतीय स्टेट बैंक (337 करोड़ रुपये), यूको बैंक (260 करोड़ रुपये) और पंजाब ऐंड सिंध बैंक (176 करोड़ रुपये) ने एमटीएनएल को ऋण दे रखा है। एमटीएनएल ने बीते साल ये ऋण नहीं चुका पाया।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले जानकारी दी थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एमटीएनएल को ऋण में 20 फीसदी छूट की पेशकश की थी जबकि एमटीएनएल ने कुछ माह पूर्व ऋण में 60 फीसदी छूट की मांग की थी। सरकारी अधिकारी ने बताया कि कंपनी की कुछ संपत्तियों को बेचने के बारे में बातचीत जारी है लेकिन इसमें कुछ जटिलताएं उजागर हुई हैं।

राज्य सरकारों ने 1950 और 1960 के दशक में मात्र दूरसंचार सेवाओं के इस्तेमाल के लिए कंपनी को जमीनें आवंटित की थीं और यह शर्त मुद्रीकरण के प्रयास में अड़चन बन सकती है। हालांकि सरकार ने एमटीएनएल की 16,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मुद्रीकरण को मंजूरी दे दी है और इससे ऋण भुगतान व परिचालन पुनर्गठन में मदद मिलेगी।

एमटीएनएल का वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कुल शुद्ध घाटा बढ़कर 890.3 करोड़ रुपये हो गया था जबकि यह वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में 792.8 करोड़ रुपये था। इसके अलावा संचालन से राजस्व 30 सितंबर 2024 को सालाना आधार पर 11.9 फीसदी घटकर 174.23 करोड़ रुपये हो गया। कुल खर्च वित्त वर्ष 25 की सितंबर तिमाही में 4.4 फीसदी बढ़कर 1,217.56 करोड़ रुपये हो गया। इस कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी 56.25 फीसदी थी।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज में एमटीएनएल का शेयर शुक्रवार को 2.74 फीसदी बढ़कर 52.20 रुपये पर बंद हुआ। सूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार ने विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमाें (सीपीएसई) की भूमि संपत्तियों के तेजी से मुद्रीकरण की तैयारी की है और राष्ट्रीय भू-संपत्ति मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) को प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया है। एनएलएमसी एक सलाहकार निकाय होगा और यह सीपीएसई और अन्य सरकारी कंपनियों को गैर जरूरी संपत्तियों के समुचित और व्यावसायिक ढंग से मुद्रीकरण में मदद करेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में 2025-30 के लिए दूसरी संपत्ति मुद्रीकरण योजना शुरू करने की घोषणा की। इस योजना का लक्ष्य सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों से 10 लाख करोड़ रुपये हासिल करना है और इससे नई आधारभूत परियोजनाओं के लिए कोष उपलब्ध होगा। विनिवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने मीडिया को साक्षात्कार में एमटीएनएल और बीएसएनएल दोनों के संपत्ति मुद्रीकरण के बारे में जानकारी दी थी। चावला ने बीते सप्ताह कहा था, ‘हम एमटीएनएल और बीएसएनएल को संपत्तियों के मुद्रीकरण में मदद करने जा रहे हैं।

 

First Published - February 9, 2025 | 10:01 PM IST

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