facebookmetapixel
एल्युमीनियम उद्योग को नीतिगत समर्थन की जरूरत : हिंडाल्कोवैल्यूएशन पर नहीं बनी सहमति, हायर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने से पीछे हटा मित्तलIDBI बैंक ने Zee एंटरटेनमेंट के खिलाफ फिर दायर की याचिकाCEA नागेश्वरन का दावा: घरेलू सुधारों ने भारत को दी सुरक्षा, जीएसटी सुधार से बढ़ेगी खपतFitch ने भारत का GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाया, घरेलू मांग और निवेश को बताया सहारासंजय कपूर की पत्नी प्रिया को सभी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देशमद्रास हाईकोर्ट ने EPFO के 18 जनवरी के सर्कुलर को रद्द किया, कर्मचारियों को हाई पेंशन का विकल्प मिलेगाबिहार को चुनावी तोहफा: ₹7,600 करोड़ की रेल-हाईवे परियोजनाओं को मंजूरी, 5 जिलों को मिलेगा फायदाचीन ने आश्वासन दिया, फिर भी भारत को खनिज और मैग्नेट की सप्लाई नहीं मिलीफंडामेंटम पार्टनरशिप ने ग्रोथ स्टेज फंडों को पीछे छोड़ा, AI और डीप-टेक में निवेश बढ़ाएगा

इस साल विलय-अ​धिग्रहण सौदे 5 साल में सबसे कम

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड द्वारा रीन्यू पावर में 4.03 अरब डॉलर में अतिरिक्त शेयरों की खरीद इस साल अभी तक का सबसे बड़ा सौदा है।

Last Updated- September 26, 2023 | 10:19 PM IST
Texmaco Rail and Engineering buys Jindal Rail Infra

कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले 9 महीनों में देश में विलय और अ​धिग्रहण सौदों का मूल्य पिछले साल की समान अव​धि की तुलना में 69.1 फीसदी घटकर 50.8 अरब डॉलर रह गया। दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ने और भू-राजनीतिक उठापटक के बीच निवेशकों का मनोबल कमजोर पड़ने की वजह से विलय-अ​धिग्रहण सौदों में कमी आई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार अधिग्रहण सौदों का कुल मूल्य पिछले 5 साल में सबसे कम है।

वर्ष 2022 में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) और एचडीएफसी बैंक के बीच विलय और अदाणी समूह द्वारा 6.5 अरब डॉलर में अंबुजा सीमेंट्स के अधिग्रहण के कारण विलय-अ​धिग्रहण सौदों का मूल्य रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था मगर इस साल ऐसे सौदे बहुत कम रहे हैं, जिससे कुल सौदों का मूल्य 5 साल के निचले स्तर पर आ गया है।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड द्वारा रीन्यू पावर में 4.03 अरब डॉलर में अतिरिक्त शेयरों की खरीद इस साल अभी तक का सबसे बड़ा सौदा है।

बैंकरों का कहना है कि वै​श्विक निजी इ​क्विटी फर्मों के पास 3 से 4 लाख करोड़ डॉलर की निवेश योग्य रा​शि है। इन फर्मों के पास भारत के लिए 10 से 15 हजार करोड़ डॉलर हैं और ये तकनीक, नवीकरणीय ऊर्जा तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए बेहतर मौके तलाश रहे हैं। इस साल होने वाले कुछ बड़े सौदों में सिप्ला के प्रवर्तकों द्वारा कंपनी की हिस्सेदारी बेचा जाना शामिल हो सकता है, जिसकी कीमत करीब 7 अरब डॉलर तक हो सकती है।

बैंकरों ने कहा कि दुनिया भर में भारत इकलौता बाजार है, जहां वै​श्विक नरमी के बावजूद मूल्यांकन में ज्यादा कमी नहीं आई है। मोएलिस इंडिया की मुख्य कार्या​धिकारी मनीषा गिरोत्रा ने हालिया साक्षात्कार में कहा था, ‘हम सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में दुनिया के सबसे महंगे बाजारों में से एक हैं। इसके बावजूद यहां पूंजी निवेश हो रहा है। निवेश की रफ्तार धीमी है मगर सारी दुनिया में रफ्तार ऐसी ही है।’

बैंकरों ने कहा कि इस साल निवेशकों ने सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर भी पहले से ज्यादा बेचे हैं और यह रफ्तार आगे भी बनी रह सकती है। पिछले 3 से 5 साल में सूचीबद्ध हुई कई कंपनियों में संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है और शेयर बेचना निवेशकों के लिए बेहतर सौदा साबित हो रहा है। इससे निवेशकों में और सौदे करने का आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

शेयरों की बिकवाली से तरलता बढ़ती है, इ​क्विटी बाजार का विस्तार होता है और लागत भी कम हो जाती है। तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों में निजी इक्विटी निवेशक पिछले साल से ही आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये हिस्सेदारी बेच रहे हैं।

कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्या​धिकारी एस रमेश ने कहा, ‘इस साल शेयरों की बिकवाली वैसी ही हो रही है मगर क्षेत्र बदल गए हैं। पिछले साल ज्यादातर तकनीकी कंपनियों में हिस्सेदारी बेची गई थी और इस साल वि​भिन्न क्षेत्रों की कंपनियों में निजी इ​क्विटी निवेशक अपना हिस्सा बेच रहे हैं।’

ग्लोबलडेटा में लीड विश्लेषक अरुज्योति बोस ने कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, आ​र्थिक अनि​श्चितता और मंदी की आशंका के कारण सौदे करने का हौसला कुछ कमजोर पड़ा है।

First Published - September 26, 2023 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट