facebookmetapixel
UP: नए बिजली कनेक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव, नए घरेलू कनेक्शनों के लिए लगाए जाएंगे सिर्फ स्मार्ट प्रीपेड मीटरभारत पर लगने जा रहा था 100% टैरिफ? क्या हुई ट्रंप और EU के बीच बातचीतयूपी सरकार की नई पहल, कृषि‑पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘फार्म‑स्टे’ योजना₹10 से कम कीमत वाले ये 5 पैनी स्टॉक्स 48% तक दे सकते हैं रिटर्न, चार्ट पर दिखा ब्रेकआउट‘मां भारती की सेवा में समर्पित जीवन’… मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर पीएम मोदी का बधाई संदेश3 साल में ₹8 लाख EMI चुकाई, लेकिन लोन घटा सिर्फ ₹82000! कैसे करें प्लानिंग, बता रहे हैं एक्सपर्ट27% करेक्ट होने के बाद फिर दौड़ने को तैयार ये Defence PSU Stock, 40% की बड़ी छलांग का अनुमानमोतीलाल ओसवाल ने इन 5 स्टॉक्स पर दी BUY रेटिंग, 1 साल में 24% तक अपसाइड के टारगेटअदाणी पावर को एमपी सरकार से फिर मिला ऑर्डर, ₹21000 करोड़ करेगी निवेश; शेयर ने लगाई छलांगपूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे किनारे उद्योगों को मिलेगी रफ्तार, यूपी सरकार की बड़ी पहल

Maruti Suzuki ने कुछ वाहनों के लिए Bharat-NCAP सुरक्षा रेटिंग का किया आवेदन

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था इस प्रणाली को अनिवार्य नियमों से परे सड़क व वाहन सुरक्षा मानकों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

Last Updated- April 10, 2024 | 2:34 PM IST
Maruti Suzuki
Representative Image

मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने अपने कुछ वाहनों के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत-एनसीएपी) सुरक्षा रेटिंग के लिए आवेदन किया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। टाटा मोटर्स की एसयूवी सफारी और हैरियर भारत-एनसीएपी के तहत वयस्क तथा बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा रेटिंग पाने वाले पहले वाहन थे। इन्हें पिछले साल यह रेटिंग दी गई थी। एसयूवी को 5-स्टार रेटिंग दी गई थी।

सरकार ने पिछले साल अगस्त में मोटर वाहन के लिए भारत का अपना व स्वतंत्र सुरक्षा प्रदर्शन मूल्यांकन प्रोटोकॉल ‘भारत-एनसीएपी’ पेश किया था। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था इस प्रणाली को अनिवार्य नियमों से परे सड़क व वाहन सुरक्षा मानकों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजमार्ग निर्माण माप पद्धति को ‘सड़क किलोमीटर’ से ‘लेन किलोमीटर’ में बदलने पर विचार कर रही है क्योंकि सरकार का ध्यान अब अधिक एक्सप्रेसवे बनाने पर केंद्रित हो गया है जो कम से कम चार लेन के हों।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की प्रगति को मापने के लिए रैखिक लंबाई पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है।

First Published - April 10, 2024 | 2:34 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट