महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज ने जून 2025 को खत्म हुई तिमाही के लिए अपने रिजल्ट की घोषणा कर दी है। बीती तिमाही में कंपनी का कुल मुनाफा सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़कर 530 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, पिछली तिमाही की तुलना में मुनाफे में 6 फीसदी की कमी देखी गई। कंपनी ने यह जानकारी अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में दी।
कंपनी की कुल आय में सालाना आधार पर 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 4,438 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वहीं, कुल खर्च 22 फीसदी बढ़कर 3,744 करोड़ रुपये हो गया। नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) भी इस तिमाही में 18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,285 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, क्रेडिट कॉस्ट पिछले साल की समान तिमाही के 448 करोड़ रुपये से बढ़कर 660 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी ने जून तिमाही में 12,808 करोड़ रुपये के लोन बांटे, जो पिछले साल की तुलना में सिर्फ 1 फीसदी ज्यादा है। लेकिन तिमाही आधार पर डिस्बर्समेंट में 18 फीसदी की कमी आई। कंपनी ने इस गिरावट का कारण व्हील्स बिजनेस में धीमी बढ़ोतरी को बताया। दूसरी ओर, कंपनी की ग्रॉस लोन बुक 15 फीसदी बढ़कर 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गई। तिमाही आधार पर इसमें सिर्फ 2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेगमेंट में कंपनी का बेहतर प्रदर्शन रहा। इस सेगमेंट की एसेट बुक 28 फीसदी बढ़कर 6,523 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने बताया कि इस बढ़ोतरी का बड़ा कारण लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) जैसे सिक्योर्ड प्रॉडक्ट्स रहे, जो अब कुल MSME एसेट्स का 44 फीसदी हिस्सा हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 33 फीसदी था। इस सेगमेंट में एसेट क्वालिटी भी मजबूत रही, जिसमें स्टेज-3 एसेट्स 1.4 फीसदी पर बने रहे।
कलेक्शन एफिशिएंसी में मामूली सुधार देखा गया, जो पिछले साल की 94 फीसदी से बढ़कर 95 फीसदी हो गई। यह ग्राहकों की स्थिर रीपेमेंट क्षमता को दर्शाता है। मंगलवार को कंपनी के शेयर 1 फीसदी की बढ़त के साथ 265.60 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।