बिजली के अपील पंचाट ने महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) को हालिया आदेश में कहा कि वह सरकारी एनटीपीसी लिमिटेड को 2,477 करोड़ रुपये अदा करे। यह भुगतान महाराष्ट्र में 2 गीगावाट के गैस पर आधारित ऊर्जा संयंत्र रत्नागिरि गैस पॉवर लिमिटेड को लेकर एमएसईडीसीएल और एनटीपीसी के बीच हुए बिजली खरीद समझौते से संबंधित है।
यह मुद्दा 2014 का है जब एमएसईडीसीएल ने इस संयंत्र से कम बिजली की आपूर्ति होने के कारण आरजीपीपीएल से बिजली खरीद समझौता निरस्त कर दिया था। आरजीपीपीएल के मुताबिक वितरण कंपनी (डिस्कॉम) ने तरफा फैसला लेकर इस समझौते को रद्द किया था। आरजीपीपीएल ने आरोप लगाया था कि उसके पूर्व बकाए का भुगतान नहीं किया गया था।
इस बिजली खरीद समझौते पर 2007 में हस्ताक्षर हुआ था और इसके दो साल बाद एनटीपीसी ने इस कंपनी को अपने नियंत्रण में लिया था। इससे पहले आरजीपीपीएल बंदी और पुनरुद्धार पैकेज से संबंधित कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इस परियोजना की पेशकश सबसे पहले अमेरिका स्थित एनरॉन कारपोरेशन ने 1995 में पेश की थी।
महाराष्ट सरकार के लिए गैर आधारित बिजली स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था। लेकिन बिजली की अत्यधिक लागत ने परियोजना में लटकी रही और फिर एनरॉन ने इसके संचालन को बंद कर दिया।