कोविड-19 महामारी के मामले कम होने के साथ-साथ भारतीय कॉल सेंटर भी प्रतिक्रिया की रफ्तार को धीमी कर दिए हैं। सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, कॉल सेंटर के लिए निर्धारित मानक जैसे – उत्तर देने का समय, दूसरी कॉल को जोड़ने और इसके लिए लगाए गए समय की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है।
ओमनीचैनल ग्राहक संचार सेवाएं प्रदान करने वाली ओजोनटेल ने 160,000 एजेंटों द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर की गई 2.2 करोड़ कॉल्स का विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में देश और विदेशों में ई-कॉमर्स, रेस्तरां और फूड डिलिवरी, बीमा, फिनटेक, बैंकिंग, हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल्स, रियल एस्टेट और रसद के कॉल सेंटर्स के डेटा शामिल हैं।
विश्लेषण में पाया गया कि संपर्क केंद्रों को इस वर्ष ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि कॉल की कतार में व्यवसाय प्रतिनिधि से बात करने के लिए 2022 में इंतजार का औसत समय बढ़कर 56 सेकंड हो गया, जबकि 2021 में औसतन 45 सेकंड लगता था। औसत कतार समय में वृद्धि यह संकेत देती है कि व्यवसाय के लिए या तो एजेंटों की संख्या बढ़ाई जाए या फिर उनकी दक्षता में सुधार की जरूरत है , ताकि इसके परिणामस्वरूप उनकी सही समय पर उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
कॉल के बाद के काम में लगने वाला समय 2021 में 40 सेकंड से बढ़कर 2022 में 46 सेकंड हो गया। ‘रैप टाइम’ बताता है कि ग्राहक से बातचीत के बाद कॉल सेंटर के एजेंट कितनी जल्दी कार्रवाई पूरी कर सकते हैं और अगली कॉल के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। 2019 में रिपोर्ट किया गया औसत रैप टाइम 25 सेकंड था। एक लंबा रैप टाइम यह दर्शाता है कि या तो एजेंटों की कॉल के बाद की जिम्मेदारियों बढ़ गई हैं या एजेंटों के पास आज के ग्राहकों के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।