रक्षा सेवाओं के लिए जहाज बनाने वाली कंपनी भारती डिफेंस ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (बीडीआईएल) के परिसमापक कंपनी को चालू हालत में बेचे जाने के लिए बोली मंगाना चाहते हैं। एनसीएलटी ने जनवरी 2019 में दिवालिया प्रक्रिया बंद कर दी थी।
बीमार इकाई को कर्ज देने वाले एक लेनदार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि काफी कानूनी लड़ाई के बाद कंपनी को परिसमापन के लिए रखा गया। यह जानने की कोशिश हो रही है कि क्या परिसमापन के दौरान चालू हालत में कंपनी को खरीदने के लिए निवेशक की दिलचस्पी नजर आती है। चालू हालत का सिद्धांत एक मान्यता है कि एक इकाई भविष्य में कारोबार में बनी रहेगी।
डेलॉयट तोमात्सु इंडिया एलएलपी के मुताबिक, इसका रिजर्व प्राइस 615 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो इस कंपनी के परिसमापन प्रक्रिया का प्रबंधन कर रही है।
बैंकरों ने कहा कि दबाव वाले इस खाते के लिए बैंक पहले ही प्रावधान कर चुके हैं। अगर मौजूदा कदम के नतीजे नहीं निकलते तो इसे टुकड़ों में बेचने का विकल्प भी खुला हुआ है।
दाभोल, रत्नागिरि, गोवा, मंगलूर, चेन्नई और कोलकाता में कंपनी के अत्याधुनिक जहाज निर्माण केंद्र हैं। जहाज निर्माण उद्योग में देसी व वैश्विक नरमी के कारण कंपनी दबाव में आ गई, जिसके कारण अनुबंध रद्द हुए और इसके नतीजे के तौर पर कर्ज व लागत में इजाफा हो गया।
