वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण उपकरण निर्माता लैम रिसर्च ने स्थानीय उत्पादन के लिए सरकार की इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जा एवं सेमीकंडक्टर निर्माण संवर्द्धन योजना (एसपीईसीएस) के तहत रियायत पाने के लिए आवेदन किया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआई टीवाई) द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
लैम रिसर्च इंडिया ने 208 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है, जबकि सरकार 32.21 करोड़ रुपये की रियायत मुहैया कराएगी। सरकार ने 6 जुलाई को कंपनी के आवेदन को स्वीकृति प्रदान की। हालांकि कंपनी ने इस निवेश के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अप्रैल, 2020 में अधिसूचित एसपीईसीएस योजना इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए पूंजीगत खर्च पर 25 प्रतिशत तक की वित्तीय रियायत प्रदान करती है। इन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे, सेमीकंडक्टर या डिस्पले फैब्रिकेशन यूनिट, एटीएमपी यूनिट, विशेष सब-एसेंबलीज शामिल हैं। कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में मौजूद लैम रिसर्च सेमीकंडक्टर वायरिंग और वेफर क्लीनिंग के लिए वेफर फैब्रिकेशन उपकरण और समाधान मुहैया कराती है। सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए स्थानीय तंत्र तैयार किए जाने पर जोर दिए जाने के बीच कंपनी का यह नया निवेश महत्वपूर्ण है।
मौजूदा समय में, कंपनी बेंगलूरु में अपने डिजाइन एवं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट परिसर से भारत में परिचालन करती है। स्थानीय तौर पर उसके कर्मी हार्डवेयर इंजीनियरिंग, वैश्विक परिचालन प्रबंधन, सब-एसेंबलीज और सबसिस्टम्स के निर्माण के लिए विश्लेषण और नवाचार से जुड़े हुए हैं। कंपनी ने हाल में अगले 10 वर्षों के दौरान भारत में नैनो-फैब्रिकेशन के लिए 60,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना का खुलासा किया है। कंपनी यह प्रशिक्षण इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस), बेंगलूरु की भागीदारी में मुहैया कराएगी।
लैम के नए आवेदन के साथ, सरकार ने वर्ष 2020 में एसपीईसीएस योजना शुरू होने के बाद से जुलाई, 2023 तक 11,423 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश और 1,562 करोड़ रुपये की रियायत के साथ 36 आवेदनों को मंजूरी दी है। वहीं 30 मार्च तक 11,187 करोड़ रुपये मूल्य के 34 इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जा निर्माण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
अब तक जिन प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, उनमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, सैमसंग डिस्पले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड, सेलकॉम्प टेक्नोलॉजीज, सहस्र सेमीकंडक्टर्स, आईडेमियासिस्कॉम, डेकी इलेक्ट्रॉनिक्स, मोलेक्स इंडिया और कंटिनेंटल डिवाइस इंडिया मुख्य रूप से शामिल हैं।