गुजरात स्थित सहकारी उर्वरक कंपनी कृषक भारती कॉपरेटिव लिमिटेड (कृभको) ने बिहार में बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) के साथ मिलकर 1000 मेगावाट की क्षमता वाली विद्युत परियोजना स्थापित करने की योजना बनाई है।
इस संयुक्त उपक्रम परियोजना पर 4000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।कंपनी द्वारा शुरू की जाने वाली यह दूसरी संयुक्त उपक्रम परियोजना है। कंपनी ने विद्युत उत्पादन और व्यापारिक गतिविधियों में अपनी विविधीकरण योजना की पुष्टि की है। कृभको का 1000 मेगावाट क्षमता का पहला विद्युत संयुक्त उपक्रम समान निवेश राशि से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत बोर्ड (सीएसईबी) के साथ प्रस्तावित है।
इस संयुक्त उपक्रम पर कार्य शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ की तरह बिहार में भी संयुक्त उपक्रम में कृभको की कम से कम 51 प्रतिशत की भागीदारी होगी।इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कॉपरेटिव (इफको) के साथ-साथ कृभको भी देश में लाभ अर्जित करने वाली उर्वरक इकाइयों में से एक है।कृाको के प्रबंध निदेशक बी. डी. सिन्हा ने नोएडा से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मैं यह कह सकता हूं कि हम अपनी विविधीकरण योजनाओं के तहत विद्युत कारोबार में काम कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की परियोजना पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन बिहार में इस परियोजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। बिहार परियोजना को लेकर हम दिलचस्पी दिखा रहे हैं और बिहार सरकार भी हमारा समर्थन करने के लिए तैयार है।’
बिहार में विद्युत संयंत्र के लिए लगभग 1000 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। विद्युत क्षेत्र के अलावा कृभको कई अन्य क्षेत्रों में भी किस्मत आजमा रही है। गुजरात में अपने हजीरा विद्युत संयंत्र की स्थापना के साथ-साथ कृभको ने कंटेनर सेवाओं के लिए रेलवे के साथ भी गठजोड़ किया है। सिन्हा कहते हैं, ‘यह भविष्य में पूरे देश में हमारे विस्तार और विविधीकरण कार्यक्रमों का हिस्सा है।’
परियोजना के लिए कोष की व्यवस्था मुयत: बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के जरिये की जाएगी। वैसे, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि संयुक्त उपक्रम भागीदार की इस परियोजना में कितनी भागीदारी होगी। कृभको के अधिकारियों ने पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) के साथ बातचीत की पहल शुरू कर दी है। अधिकारी अभी से ही बिजली की बिक्री की रणनीति बनाने लगे हैं। कृभको ने अपनी दूसरी विद्युत परियोजना के लिए बिहार सरकार से बात कर चुकी है।