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JSW जल्द खरीदेगा AkzoNobel India में 75% हिस्सेदारी, ₹12,000 करोड़ में तय सौदा

गुरुवार को एक्जोनोबेल का कुल बाजार पूंजीकरण 15,857 करोड़ रुपये रहा और यह सौदा प्रीमियम पर हो रहा है।

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देव चटर्जी   
Last Updated- May 15, 2025 | 10:43 PM IST

सज्जन जिंदल की अगुआई वाला जेएसडब्ल्यू समूह एक्जोनोबेल इंडिया लिमिटेड की 75 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के करीब है। एक्जोनोबेल की मूल कंपनी से यह हिस्सा करीब 12,000 करोड़ रुपये में खरीदा जाएगा। मामले से जुड़े जानकार सूत्र ने यह जानकारी दी।

इस सौदे से जेएसडब्ल्यू का पेंट के ड्यूलक्स ब्रांड की निर्माता पर नियंत्रण हो जाएगा। गुरुवार को एक्जोनोबेल का कुल बाजार पूंजीकरण 15,857 करोड़ रुपये रहा और यह सौदा प्रीमियम पर हो रहा है। सूत्रों ने जानकारी दी कि अधिग्रहण के लिए धन जुटाने की खातिर जिंदल फैमिली जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर की दो फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सौदे में समर्थन के लिए निजी इक्विटी साझेदारों को भी शामिल किया जा सकता है। 

छांटे गए गए सभी बोलीदाताओं, जिनमें पिडिलाइट इंडस्ट्रीज और इंडिगो पेंट्स भी शामिल, ने अप्रैल में बाध्यकारी प्रस्ताव पेश किए थे। पहले के दौर में अमेरिकी निजी इक्विटी प्रमुख ब्लैकस्टोन ने भी गैर-बाध्यकारी रुचि दिखाई थी। इससे एक्जोनोबल के भारतीय कारोबार की रणनीतिक कीमत का पता चलता है। यह सौदा जेएसडब्ल्यू के उपभोक्ता केंद्रित पेंट कारोबार में नवीनतम रणनीतिक प्रवेश को दर्शाता है। उसका लक्ष्य बढ़ती प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में अपना आकार बढ़ाना है। एक्जोनोबल इंडिया के अधिग्रहण से जेएसडब्ल्यू को मजबूत राष्ट्रव्यापी वितरण नेटवर्क और नामी ब्रांड ड्यूलक्स तक पहुंच मिलेगी। हाल में आदित्य बिड़ला समूह ने इस बाजार में हलचल मचाई है। बाजार में एशियन पेंट्स का प्रभुत्व है। 

बताया जाता है कि सज्जन जिंदल ने इस सौदे के लिए व्यक्तिगत रूप से बातचीत की अगुआई की थी। यह अंबुजा सीमेंट्स में स्विस प्रमुख होलसिम की हिस्सेदारी के लिए समूह की पिछली हाई-प्रोफाइल बोली की तरह है। 2022 में 7 अरब डॉलर के उस प्रयास पर अंततः अदाणी समूह भारी पड़ा जिसने यह अधिग्रहण किया और वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक बन गया। 

तब से जेएसडब्ल्यू ने एक आक्रामक विलय-अधिग्रहण की रणनीति अपनाई है। इसकी अक्षय ऊर्जा कंपनी, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी चालू वित्त वर्ष में ओ2 पावर का अधिग्रहण करने जा रही है। यह सौदा करीब 12,468 करोड़ रुपये में होगा। मार्च में उसने केएसके एनर्जी का 16,000 करोड़ रुपये का अधिग्रहण पूरा किया, जिसे अब जेएसडब्ल्यू के व्यापक ऊर्जा प्लेटफॉर्म में शामिल किया जा रहा है।

विश्लेषकों ने हाल में प्रबंधन की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा है कि एक्जोनोबेल के भारतीय कारोबार की बिक्री कैलेंडर वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। एक्जोनोबेल एनवी ने पूरी तरह से नकद लेनदेन को प्राथमिकता देने का संकेत दिया है। 

First Published : May 15, 2025 | 10:29 PM IST