सरकार के शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं का इसे पहले ही समर्थन मिल चुका है। सांसद एन के सिंह का कहना है कि उनकी अध्यक्षता वाला 15वां वित्त आयोग पहले से ही आगामी सभी बैठकों के लिए जियो मीट के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है और नीति अयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत कुछ और आगे बढ़कर कह रहे हैं कि यह अपने प्रतिस्पद्र्धी जूम के मुकाबले बेहतर, इन्क्रिप्टेड और पासवर्ड से सुरक्षित है तथा प्रौद्योगिकी अवरोधक के रूप में सामने आई है, जहां सारा डेटा भारत में रहेगा। देश भर के उपयोगकर्ताओं को भी ऐसा ही लगता है।
गूगल प्ले डाउनलोड से ऐप ऐनी डेटा के आधार पर जियो मीट की सभी ऐप श्रेणियों में इसकी कुल रैंकिंग में तेजी नजर आई है। 4 जुलाई को जब इसने शीर्ष 100 वाले समूह में प्रवेश किया था, तब यह 98 वें स्थान पर थी और अगले ही दिन (5 जुलाई को) शाम तक यह 53 वें स्थान पर पहुंच गई। 1 जुलाई को रिलायंस ने, जो पहले बीटा वर्जन का उपयोग कर रही था, कई सारी नई खूबियों के साथ फाइनल वर्जन की शुरुआत कर दी थी। लेकिन इसे अब भी अपनी प्रतिस्पद्र्धी जूम या गूगल मीट से मुकाबले की दौड़ के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है जो 5 जुलाई को सभी श्रेणियों की ऐप में क्रमश: 22वें और नंबर 17वें स्थान पर काफी आगे हैं। सरकार से कुछ और समर्थन पाने से रिलायंस एक बार फिर जैकपॉट की राह पर बढ़ सकती है।