जिंदल (इंडिया) ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) प्रक्रिया से गुजर रही फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर एंटरप्राइजेज (Future Enterprises) के लिए एक ऋण समाधान योजना (debt resolution plan) प्रस्तुत की है। बता दें कि खरीदार की रेस में खड़ी जिंदल (इंडिया) का मालिकाना हक जिंदल पॉली फिल्म्स के पास है।
मुकेश अंबानी की कंपनी को दे सकती है टक्कर
ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्यूचर एंटरप्राइजेज को खरीद कर जिंदल (इंडिया) मुकेश अंबानी की रिलांस रिटेल (Reliance Retail) को टक्कर दे सकती है। बताते चलें कि फ्यूचर एंटरप्राइजेज के लिए बोली लगाने का फैसला करने के लिए रिलायंस रिटेल ने 30 अक्टूबर तक का समय मांगा है।
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हालांकि, जिंदल द्वारा लगाई गई बोली की जानकारी को सुनिश्चित नहीं किया जा सका क्योंकि इसे सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया गया था।
ऐसा कहा जा रहा है कि यह ऑफर तभी खोला जाएगा जब रिलायंस रिटेल फ्यूचर एंटरप्राइजेज के लेनदारों को बोली प्रक्रिया जारी रखने या बाहर निकलने के अपने फैसले के बारे में बताएगा।
फ्यूचर एंटरप्राइजेज पर है भारी कर्जा
फ्यूचर एंटरप्राइजेज पर 11,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। एक लेनदार द्वारा दायर याचिका के जवाब में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा 27 फरवरी को इसे दिवालिया कार्यवाही के लिए स्वीकार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि कंपनी ने भुगतान में चूक की है।
अपनी सहयोगी कंपनी फ्यूचर रिटेल के विपरीत, जिसे केवल स्क्रैप डीलरों से बोलियां प्राप्त हुईं, लेनदार फ्यूचर एंटरप्राइजेज की दिवाला प्रक्रिया से बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।
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फ़्यूचर रिटेल के क्रेडिटर को अपने ऋणों पर बड़े पैमाने पर बट्टे खाते में डालने का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि कंपनी के वित्तीय ऋणदाताओं, जैसे कि बैंकों, पर 20,000 करोड़ रुपये का बकाया है।
फ्यूचर को जिंदल, रिलायंस रिटेल और GBTL से मिले थे इंटेरेस्ट फॉर्म
इस साल जुलाई में फ्यूचर एंटरप्राइजेज को जिंदल (इंडिया), रिलायंस रिटेल वेंचर्स और GBTL से अभिरुचि पत्र (interests from) मिले थे। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में इसकी जानकारी दी थी।
फ्यूचर एंटरप्राइजेज ने कहा था कि उसके तीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट तारापुर-बोईसर, महादेवपुरा और एनेकल (बेंगलूरु) में हैं।
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NCLT ने फ्यूचर एंटरप्राइजेज के खिलाफ दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश मार्च में दिया था। NCLT के मुंबई पीठ ने जितेंद्र कोठारी को इस मामले में अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया था, लेकिन बाद में अनिल मेंजेज ने आईआरपी की जिम्मेदारी संभाली।
पिछले साल सितंबर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने जे सी काबरा ऐंड एसोसिएट्स को फ्यूचर एंटरप्राइजेज के खातों की फॉरेंसिक ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था।