जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के ऋणदाताओं ने सभी समाधान आवेदकों से इस संकटग्रस्त कंपनी के लिए शुक्रवार को चैलेंज नीलामी में भाग लेने को कहा है। इसके लिए न्यूनतम बोली राशि 12,000 करोड़ रुपये रखी गई है। इससे जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इसकी गणना शुद्ध वर्तमान मूल्य के आधार पर की जाएगी।
यह चैलेंज नीलामी ईमेल के जरिये होगी, जहां बोली के हर दौर के बाद ऋणदाता इसमें शामिल कंपनियों से अपनी बोली कम से कम 250 करोड़ रुपये बढ़ाने के लिए कहेंगे। सूत्रों ने बताया कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने आवेदकों से यह प्रतिबद्धता भी मांगी है कि अगर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भूमि का मामला उनके पक्ष में सुलझ जाता है, तो क्या वे ऋणदाताओं को अतिरिक्त राशि का भुगतान करेंगे।
जेएएल के लिए ये बोलियां ग्रेटर नोएडा में जेएएल की 1,000 हेक्टेयर की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़े कानूनी विवाद के परिणाम पर निर्भर है। मार्च में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस परियोजना के लिए भूमि आवंटन रद्द करने के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के फैसले को बरकरार रखा था। अब मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
अदाणी समूह, डालमिया समूह, वेदांत समूह, जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) और पीएनसी इन्फ्राटेक वे पांच कंपनियां हैं, जो ऋणग्रस्त जेएएल की दौड़ में हैं। जेएएल की परिसंपत्तियों में सीमेंट, रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचा, आतिथ्य-सत्कार तथा जेपी ग्रीन्स, विश टाउन और आगामी जेवर हवाई अड्डे के निकट इंटरनैशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख विकास परियोजनाएं शामिल हैं।
घटनाक्रम के करीबी सूत्र अनुसार, ‘बोलीदाताओं को हर दौर से पहले अपनी बोली की समीक्षा और चर्चा के लिए एक घंटे का वक्त मिलेगा तथा ऋणदाता फॉर्मूले पर आधारित एक तरीके के जरिये प्रत्येक दौर की बोलियों की समीक्षा के लिए आधे घंटे का वक्त लेंगे।’ सूत्र ने कहा कि अगर लगातार दो दौर में सर्वाधिक बोली समान ही रहती है तो चैलेंज प्रक्रिया रोक दी जाएगी और ऋणदाता सभी समाधान आवेदकों से धन के स्रोत के साथ अपनी संशोधित योजना की प्रति जमा करने को कहेंगे।
सूत्र ने कहा, ‘संशोधित योजनाएं ऋणदाताओं को यीडा की भूमि के लिए निपटारे आदि जैसी एनपीवी के अलावा प्रस्तावित राशि की जानकारी प्रदान करेंगी।’ जेएएल के खिलाफ लेनदारों द्वारा स्वीकार किए गए कुल दावे 59,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बैठते हैं।
इन पांच में से दो बोलीदाताओं – अदाणी समूह और डालमिया भारत ने अपने अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी हासिल कर ली है। अन्य दो – पीएनसी इन्फ्राटेक और जिंदल पावर फिलहाल समीक्षाधीन हैं। वेदांत समूह ने अभी तक अपनी समाधान योजना के लिए सीसीआई की मंजूरी के लिए आवेदन नहीं किया है।