दिवालिया जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण की दौड़ और तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, वेदांत लिमिटेड, अदाणी ग्रुप और अन्य इच्छुक कंपनियों से गुरुवार शाम तक संशोधित बोली जमा करने और फंडिंग के स्रोत स्पष्ट करने को कहा गया है। वेदांत ने हाल ही में हुई ऑनलाइन नीलामी में कंपनी की संपत्तियों के लिए ₹12,505 करोड़ का प्रस्ताव देकर पहला स्थान हासिल किया था। यह अदाणी की fair value बोली से लगभग ₹250 करोड़ अधिक था। अब उम्मीद है कि प्रतिस्पर्धी कंपनियां बेहतर शर्तों के साथ सामने आएंगी।
उधारदाता बोली लगाने वालों से फंडिंग व्यवस्था को लेकर पारदर्शिता चाहते हैं। अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर वायसराय रिसर्च ने वेदांत की बैलेंस शीट और लिक्विडिटी पर सवाल उठाए हैं। वेदांत उच्च कर्ज स्तर और डिविडेंड प्रतिबद्धताओं के दबाव में है।
वहीं, अदाणी से आक्रामक बोली की उम्मीद की जा रही है। नोएडा-स्थित JAL के बिजनेस में सीमेंट, रियल एस्टेट और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट शामिल हैं। कंपनी को लगभग ₹59,000 करोड़ के लोन डिफॉल्ट के बाद दिवालिया न्यायालय में ले जाया गया था।
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विश्लेषक JAL के पोर्टफोलियो को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। वायसराय रिसर्च का कहना है कि कंपनी के विभिन्न व्यवसायों में तालमेल की कमी है और उन्हें पुनर्जीवित करना चुनौतीपूर्ण है।
कंपनी की कंस्ट्रक्शन आर्म, जो भारत, नेपाल और भूटान में बांध, हाइड्रोपावर और हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम करती है, की लाभप्रदता घट गई है। इसका return on assets FY25 में 0.6 प्रतिशत तक गिर गया, जबकि पिछले पांच साल का औसत 2.5 प्रतिशत था।
रिपोर्ट के अनुसार, JAL का सीमेंट विभाग FY25 में केवल 5 प्रतिशत क्षमता पर चला, जबकि चार साल पहले यह 24 प्रतिशत पर था। यह गंभीर अंडर-यूज और असेट इम्पेयरमेंट के जोखिम को दर्शाता है।
रियल एस्टेट डिवीजन — जिसमें जेपी ग्रीन्स स्पोर्ट्स सिटी और लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट शामिल हैं — ने ₹19,716 करोड़ का निवेश खपत कर लिया है, जिसमें से लगभग ₹16,000 करोड़ अब भी फंसे हुए हैं।
इसके अलावा, कंपनी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ कानूनी विवाद में है। प्राधिकरण ने इस वर्ष की शुरुआत में स्पोर्ट्स सिटी एसडीजेड में 1,085 हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया था।
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अब उधारदाताओं का मूल्यांकन केवल बोली की राशि पर नहीं, बल्कि फंडिंग के ठोस प्रमाण पर भी आधारित होगा। अंतिम प्रस्ताव मिलने के बाद ही भारत की सबसे चर्चित संकटग्रस्त-परिसंपत्ति लड़ाई के लिए तस्वीर साफ होगी।
वेदांत और अदाणी ने फिलहाल अपनी बोलियों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।