स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने देश में वाहन उत्पादन में 20 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी 25 साल से भारत में मौजूद है और यह इसके लिए बड़ी उपलब्धि है। हाल के वर्षों में कंपनी की सबसे मजबूत वाणिज्यिक रफ्तार के बीच यह उपलब्धि दर्ज की गई और इसके उसके वैश्विक विनिर्माण नेटवर्क में भारत के बढ़ते योगदान का भी पता चलता है।
इस उपलब्धि को अंजाम देने में बड़ा योगदान एमक्यूबी-ए0-आईएन प्लेटफॉर्म का है। इसे स्थानीय इंजीनियरिंग टीमों ने खास तौर पर भारत के लिए विकसित किया है। इसी प्लेटफॉर्म के जरिये 5 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन किया गया है। इनमें स्कोडा कुशक, स्लाविया, काइलैक और फोक्सवैगन टाइगुन और वर्चुस शामिल है। आखिरी पांच लाख गाड़ियों का उत्पादन सिर्फ साढ़े तीन साल में किया गया है, जिससे भारत में बने मॉडलों की मांग जाहिर होती है।
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स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया भारत में समूह के स्कोडा, फोक्सवैगन, ऑडी, पोर्श, लम्बोर्गिनी और बेंटली जैसे छह ब्रांडों के परिचालन का प्रबंधन करती है। उसने अपने पोर्टफोलियो में सभी के स्थिर प्रदर्शन के बारे में बताया है।
स्कोडा ऑटो इंडिया ने पिछले दस महीनों में अपनी अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की है और यह एक साल पहले के मुकाबले दोगुनी से अधिक बढ़कर 2025 में 61,607 वाहन हो गई। फोक्सवैगन इंडिया ने वर्चुस के लिए दीवाली का सबसे अच्छा महीना दर्ज किया, जिसकी अब प्रीमियम सेडान सेगमेंट में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। समूह के प्रीमियम और लक्जरी ब्रांडों ने भी अच्छी बिक्री दर्ज की। बेंटली ने स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया के भीतर एक नए परिचालन ढांचे को अपनाया और मुंबई और बेंगलूरु में नए शोरूम खोले।
पोर्श ने अपने नेटवर्क का विस्तार 13 बिक्री केंद्रों तक किया और छह वर्षों में 4,400 से अधिक ग्राहक जोड़े। ऑडी ने इस साल जनवरी से सितंबर के बीच अपने पूर्व-स्वामित्व वाले व्यवसाय में 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की और चार्ज माई ऑडी पहल के तहत अपने ईवी चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार जारी रखा। लंबोर्गिनी ने 2024 में 113 गाड़ियों की डिलीवरी के साथ अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ सालाना प्रदर्शन किया, जिसमें हाइब्रिड मॉडल के रूप में टेमेरारियो को बाजार में उतारना भी शामिल था।