प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत के डिजिटल पेमेंट का बादशाह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब यूरोप के साथ हाथ मिलाने जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को बताया कि UPI को यूरोपीय सेंट्रल बैंक के इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम TARGET Instant Payment Settlement (TIPS) से जोड़ा जाएगा। इसका सीधा फायदा ये होगा कि भारत और यूरो क्षेत्र के 20 देशों के बीच पैसा भेजना-लेना मिनटों में हो जाएगा, वो भी सस्ते में।
ये पहला मौका है जब भारत का कोई पेमेंट सिस्टम किसी बड़े विकसित क्षेत्र के इंस्टेंट पेमेंट रेल से सीधे जुड़ेगा। अभी तक UPI विदेश में सिर्फ घूमने आए भारतीयों को लोकल दुकानों-होटलों में पेमेंट करने की सुविधा देता था, लेकिन अब क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस यानी विदेश में बैठे रिश्तेदारों को पैसा भेजना भी उतना ही आसान हो जाएगा।
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RBI और NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) लंबे समय से यूरोपीय सेंट्रल बैंक के साथ बात कर रहे थे। अब दोनों पक्षों ने फैसला कर लिया है कि अब सिर्फ बातें नहीं, असली काम शुरू होगा। तकनीकी इंटीग्रेशन, रिस्क मैनेजमेंट और सेटलमेंट का पूरा ढांचा तैयार करना बाकी है। NIPL ही विदेशों में UPI और रुपे कार्ड को ले जाने का काम देखता है, जबकि देश में UPI को NPCI चलाता है।
फिलहाल फ्रांस, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, यूएई, मॉरीशस और कतर में भारतीय टूरिस्ट UPI से सीधे पेमेंट कर सकते हैं। दुनिया भर में 20 लाख से ज्यादा मर्चेंट UPI स्वीकार करने लगे हैं। नामीबिया, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और पेरू जैसे देशों में तो NIPL की मदद से UPI जैसा सिस्टम ही बना रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के सचिव एम नागराजू ने इस हफ्ते बताया कि कम से कम सात-आठ और देशों से बात चल रही है ताकि वहां भी भारतीय यात्री अपना फोन निकालकर UPI से पेमेंट कर सकें।
घर में तो UPI पहले ही तहलका मचा रहा है। अक्टूबर महीने में रिकॉर्ड 20.7 अरब ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी वैल्यू 27.28 लाख करोड़ रुपये रही। त्योहारों का सीजन और GST 2.0 की राहत ने इसे और बूस्ट दिया। देश में अभी 50.9 करोड़ लोग UPI इस्तेमाल करते हैं।
अब यूरो जोन का कनेक्शन जुड़ने के बाद ये नंबर और तेजी से बढ़ने वाले हैं।