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माउस की तेज चाल के क्या कहने!

Last Updated- December 11, 2022 | 10:36 AM IST

ऑर्क माउस
पिछले साल ही माउस 40 साल का हुआ है। अन्य गैजेट की तरह ही माउस की विशेषताओं में भी साल दर साल कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलता रहा है।
अगर आप बीते कई सालों से अपने कंप्यूटर के साथ पुराने मॉडल वाले माउस का ही इस्तेमाल कर रहे हैं तो नए माउसों की विशेषताओं के बारे में जानकर आपको थोड़ा आश्चर्य हो सकता है।
शुरुआत में यानी पुराने माउसों में रॉलिंग बॉल लगी होती थी लेकिन बदलते समय के साथ-साथ ऑप्टिकल और लेजर तकनीक ने तेजी से पुराने माउसों को किनारा किया है। माइक्रोसाफ्ट ने एकदम नई तकनीक वाले माउसों को लेकर आई है। माइक्रोसॉफ्ट जिन माउसों को लेकर आई है, वे वास्तव में पोर्टेबल माउस हैं।
इन माउसों को आप अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं। चूंकि यह बिल्कुल नवीनतम अभिनव है इसलिए माइक्रोसॉफ्ट के औद्योगिक डिजाइन को थोड़ा जोखिम भी हो सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस माउस का नाम ऑर्क माउस रखा है।
इस माउस को आप ठीक उसी तरीके से फोल्ड कर सकते हैं जैसे कि आप अपने फ्लिप फोन को करते हैं। यह इतना छोटा और पोर्टेबल है कि आप इसे अपने लैपटॉप बैग में भी आराम से रख सकते हैं। इस माउस को यूएसबी माइक्रो-ट्रांसीवर के जरिए अपने पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) या लैपटॉप के साथ कनेक्ट कर सकते हैं और वह भी बिना वायर के।
इस वायरलेस माउस का इस्तेमाल 30 फीट की दूरी से किया जा सकता है। इस माउस को इनस्टॉल करने में आपको बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर आप माउस के दाएं और बाएं बटन को कस्टमाइज करना चाहते हैं तो वह भी बेहद आसान है। इसके लिए आपको इंटेलिप्वाइंट नामक सॉफ्टवेयर को डॉउनलोड करना होगा।
यह सॉफ्टवेयर माइक्रोसॉफ्टवेयर की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिससे आपको मदद मिल सकती है। यह सॉफ्टवेयर बिल्कुल फ्री है। इसके अलावा, आप अपने विंडो पीसी ऑप्शंस मेन्यू के जरिए भी माउस की विभिन्न विशेषताओं का आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर माउस की गति की बात करें तो वह बेहद लाजवाब है। माउस को इस्तेमाल करने के दौरान आपको कर्सर संबंधित किसी भी तरह की थरथराहट या फिर उछल-कूद जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस माउस में लेजर सेंसर लगा है जिसकी सहायता से आप इसे किसी भी सतह पर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
हालांकि इस माउस के डिजाइन में भी कुछ खामियां हैं। काम करने के लिहाज से माउस के बाएं ओर पीछे की तरफ लगा बटन काफी महत्त्वपूर्ण है लेकिन यह बटन माउस की बाईं ओर लगे होने की वजह से इस तक उंगली को पहुंचाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इस माउस के दाएं और बाएं क्लिक बटन के बीच में बैटरी स्टेटस इंडिकेटर लगा हुआ है। जहां तक बैटरी के चलने की बात है तो माइक्रोसॉफ्टर का दावा है कि सिर्फ दो एएए बैटरियों पर ऑर्क माउस छह महीने से अधिक दिनों तक काम करेगा। इस माउस की कीमत करीब 3,000 रुपये है।
ऑर्क माउस : 3,000 रुपये
खूबियां
आकर्षक और चमकदार पेंटिंग
अभिनव और कार्यात्मक डिजाइन
खामियां
वायरलेस ट्रान्सीवर फालतू में यूएसबी पोर्ट की जगह लेता है
एक्सप्लोरर मिनी
अगर ऑर्क का आकर्षण आपको लुभा नहीं पाता है तो माइक्रोसॉफ्ट की एक्सप्लोरर मिनी माउस निस्संदेह आपको अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इस माउस में ब्लू ट्रैक तकनीक लगा हुई है।
ब्लू ट्रैक तकनीक के इस्तेमाल से माउस की ऑप्टिकल पावर में सुधार आता है। लाइट की वृहत क्षेत्र अधिक से अधिक स्पेस को कवर करता है। यह आम ऑप्टिकल माउस से कई गुना अधिक सटिक होता है।
इस माउस में कुछ जबरदस्त तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है जो इसकी कार्यक्षमता को बढ़ता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए, माउस के ऊपर का आधा हिस्सा चमकदार प्लास्टिक से ढका हुआ है और उसमें पॉलिश धातु की बनावट है।
इस माउस के नीचे का हिस्सा रबर के साथ कोट किया हुआ है जिसकी वजह से माउस पर अच्छी पकड़ बनाने में मदद मिलती है। इन खूबियों की वजह से उपयोगकर्ता को अधिक देर तक माउस को पकड़े रहने के बाद भी पसीने आने जैसी कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एक्सप्लोरर मिनी माउस की ऊपरी हिस्से से ब्लू चमक निकलती है जो बैटरी की लाइफ को बनाए रखने में मदद करती है। ऑर्क माउस की तरह ही यह भी एक वायरलेस माउस है। यह माउस भी 30 फीट की रेंज में काम करता है। यह माउस भी ऑर्क माउस की तरह ही लाने-ले जाने में काफी आसान है।
इस मिनी माउस की एक ही खामी यही है कि इसका आकार बहुत छोटा है इसलिए इसे इस्तेमाल करने में उपयोगकर्ता को थोड़ी दिक्कत आ सकती है। हालांकि इसका ब्लू ट्रैक तकनीक काफी आकर्षक है। बाजार में इस माउस की कीमत 3,000 रुपये है।
एक्सप्लेरर मिनी माउस : 3,000 रुपये से अधिक
खूबियां
अधिक कार्य करने योग्य बनावट
लाने-ले जाने के लिए बैग और ड्राइवर सीडी
खामियां
बैटरी लाइफ बहुत अच्छी नहीं
वायरलेस यूएसबी डोंगल अपेक्षाकृत बड़ा

First Published - May 7, 2009 | 9:46 PM IST

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