आईएमटी नागपुर के निदेशक अनवर अली ने 1 अप्रैल से आईएमटी गाजियाबाद की कमान संभाल ली है।
आईएमटी गाजियाबाद के पदाधिकारी बिद्या एस सहाय एमडीआई गुड़गांव के निदेशक होंगे। कीर्तिका सुनेजा के साथ बातचीत में अनवर अली ने संस्थान को अंतरराष्ट्रीय संस्थान बनाए जाने की अपनी योजनाओं का खुलासा किया। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
आईएमटी को कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
आर्थिक मंदी की वजह से इस साल छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उद्यमशीलता के प्रति छात्रों को उत्साहित कर रहे हैं और छात्रों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। हम उद्यमिता में दिलचस्पी रखने वाले छात्रों के लिए 2010 तक एक इनक्यूबेशन सेंटर शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
छात्र अपनी बिजनेस योजनाओं के साथ आगे आ सकते हैं और हमारी इंटरनल फैकल्टी के मार्गदर्शन में चलाए जाने वाले पाठयक्रमों में भाग ले सकते हैं। इसके बाद हम तीन या चार परियोजनाओं के फंड के लिए उद्यम पूंजीपतियों को आमंत्रित करेंगे। असल में, हम इक्विटी भागीदारी के जरिये छात्र परियोजनाओं में दिलचस्पी लेंगे।
आईएमटी को अंतरराष्ट्रीय संस्थान बनाने के लिए आपकी क्या योजना है?
आईएमटी एक प्रतिष्ठित ब्रांड है और हमने विदेशी गठजोड़ भी किए हैं, लेकिन हम बेहतर तरीके से इसे वैश्विक पहचान देना चाहते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके लिए हम अमेरिका के एसोसिएशन ऑफ एमबीए (एएमबीए), एसोसिएशन ऑफ एडवांस कॉलेजिएट स्कूल्स ऑफ बिजनेस (एएसीएसबी) और कई यूरोपीय एजेंसियों से बातचीत कर रहे हैं। लगभग एक साल में हमें यह प्रमाणन हासिल हो जाने की उम्मीद है।
आपकी विस्तार योजना क्या है?
हमारा हैदराबाद कैम्पस अभी भी निर्माण के दौर से गुजर रहा है और निदेशक एवं फैकल्टी के चयन के बाद हम 2011 में पहला बैच शुरू कर देंगे। इस कैम्पस में छात्रों की भागीदारी आईएमटी गाजियाबाद और नागपुर के समान ही होगी। आईएमटी गाजियाबाद और नागपुर में क्रमश: 360 और 300 छात्र हैं। हमारे नागपुर कैम्पस में भी कुछ निर्माण कार्य चल रहा है जिस पर लगभग 33 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
क्या आप इस साल नए पाठयक्रम जोड़ने की योजना बना रहे हैं?
नहीं, लेकिन हम एक्जीक्यूटिव शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अपने दो साल के नियमित कार्यक्रमों से कार्य अनुभव वाले और अधिक लोगों को जोड़ना चाहते हैं।