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IT इंडस्ट्री पर दिखेगा DeepSeek का प्रभाव, लेकिन अभी करना होगा इंतजार

उद्योग विशेषज्ञ, निवेशक और विश्लेषक इस बात को स्वीकार करते हैं कि डीपसीक की उपलब्धि एआई को सबके लिए सुलभ बनाती है।

Last Updated- January 28, 2025 | 10:41 PM IST

वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियां चीन के एआई ओपन सोर्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल डीपसीक के प्रभाव से जूझ रही हैं। मगर भारतीय प्रौ‌द्योगिकी कंपनियां और स्टार्टअप चीन की इस उपलब्धि पर आश्चर्यजनक तरीके से चुप हैं।

उद्योग विशेषज्ञ, निवेशक और विश्लेषक इस बात को स्वीकार करते हैं कि डीपसीक की उपलब्धि एआई को सबके लिए सुलभ बनाती है। मगर एंटरप्राइज आईटी परिवेश (खासकर प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों पर) पर इसका प्रभाव देखने और समझने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। जहां तक स्टार्टअप की बात है तो यह एक स्पष्ट चेतावनी है क्योंकि डीपसीक वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गजों की लागत के महज एक अंश के खर्च पर यह बुनियादी मॉडल तैयार करने में सफल रहा है।

आनंद राठी की एक रिपोर्ट ‘जेनआई वेव: इंडियन आईटीज नेक्स्ट फ्रंटियर’ में कहा गया है कि मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां अपना दबदबा बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, जबकि भारतीय आईटी उद्योग में लहर की तरह उसका प्रभाव महसूस किया जा रहा है।’ डीपसीक का ओपन सोर्स मॉडल मेटा जैसी दिग्गज अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों को चुनौती दे रहा है जो एआई मद में अपने सालाना खर्च को 65 अरब डॉलर तक बढ़ा रही हैं।

भारतीय आईटी कंपनियां एआई मूल्य श्रृंखला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और डेटा प्रबंधन, माइग्रेशन एवं एलएलएम/ एसएलएम जैसे काम संभालती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ‘डीपसीक द्वारा एआई का लोकतंत्रीकरण किए जाने से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बाजार का विस्तार होगा। एंटरप्राइज अगले 6 से 12 महीनों में कस्टमाइज्ड एआई मॉडल का लाभ उठाने के लिए तैयार हो जाएंगे। इससे भारतीय आईटी सेवाओं की मांग बढ़ेगी। मगर लधु अव​धि में अत्य​धिक निवेश वाली भारतीय आईटी कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।’

भारतीय आईटी सेवा उद्योग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में डीपसीक के तात्कालिक प्रभाव के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। मगर उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि एंटरप्राइज परिवेश में इस मॉडल का उपयोग बेहद सावधानी से किया जाएगा। उद्योग के एक अन्य वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा कि एंटरप्राइज परिवेश पर डीपसीक का तात्कालिक प्रभाव नगण्य रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियां एलएलएम नहीं बना रही हैं ब​ल्कि वे इन प्लेटफॉर्म प्रदाताओं के साथ साझेदारी कर रही हैं। अगर डीपसीक वै​श्विक दर्जा हासिल करने में सफल रहता है और ग्राहक उसके लिए तैयार होंगे तो भारतीय आईटी कंपनियां भी उसका उपयोग करने पर विचार करेंगी।

पारेख कंस​ल्टिंग ऐंड ईआईआईआर ट्रेंज के संस्थापक पारेख जैन ने कहा, ‘डीपसीक की सफलता अभूतपूर्व है। इसका मतलब यह भी है कि भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के काम करने के लिए और अधिक एआई मॉडल होंगे। मगर उसका एंटरप्राइज परिवेश अलग है। भारतीय आईटी कंपनियां विनियमित उद्योगों के साथ काम करती हैं। इसलिए उन्हें कुछ समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। जहां तक निवेश की बात है तो मैं समझता हूं कि उद्योग को नए सिरे से विचार करना चाहिए।’ भारतीय प्रौद्योगिकी परिवेश में डीपसीक की उपलब्धि के बारे में चिंताएं भी जताई जा रही हैं। कई लोगों को डर है कि भारत एआई की इस दौड़ में पिछड़ सकता है।

First Published - January 28, 2025 | 10:41 PM IST

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