देश में स्मार्टफोन बाजार ने जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान सालाना आधार पर रिकॉर्ड 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। आगामी महीनों के दौरान लगातार सुधार की उम्मीद से वृद्धि को रफ्तार मिली। लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण अप्रैल से जून तिमाही में बाजार की रफ्तार पिछली बार की तरह सुस्त पड़ सकती है। जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में स्मार्टफोन की रिकॉर्ड शिपिंग के बाद हैंडसेट कंपनियां दमदार बिक्री की उम्मीद कर रही थीं। लोग बैंकिंग से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक अपने सभी महत्त्वपूर्ण काम ऑनलाइन कर रहे हैं। ऐसे में अतिरिक्त स्क्रीन की मांग में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई जिससे स्मार्टफोन की मांग एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई।
आर्थिक गतिविधियों में सुधार और कोविड संक्रमण के मामलों में गिरावट के कारण 2021 की शुरुआत में बाजार धारणा अच्छी थी। इससे स्मार्टफोन की खरीदारी खूब हो रही थी। विश्लेषण फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च की अवधि में 3.8 करोड़ स्मार्टफोन का शिपमेंट हुआ जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
काउंटरपॉइंट के विश्लेषक प्राचिस सिंह ने कहा, ‘अपनी दमदार रफ्तार के साथ भारतीय स्मार्टफोन बाजार ने लगातार तीसरी तिमाही के दौरान 2021 की पहली तिमाही में रिकॉर्ड शिपमेंट दर्ज की। इसे मुख्य तौर पर अटकी हुई मांग से बल मिला। देश में टीकाकरण अभियान के कारण उपभोक्ता धारणा में भी सुधार हुआ।’
हालांकि रिकॉर्ड शिपमेंट से उपभोक्ताओं के रुझान का पता चलता है लेकिन कोविड-19 के मामलों में दोबारा उछाल आने से बाजार के प्रभावित होने की आशंका है। कोविड-19 की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए कई प्रमुख महानगरों में लगाए गए लॉकडाउन एवं अन्य पाबंदियों के कारण ऑफलाइन कारोबार घुटनों पर आ गया है।
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के अनुसार, केवल महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगाए जाने से करीब 15,000 खुदरा विक्रेताओं का कारोबार प्रभावित हुआ है। एक अन्य उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का मानना है कि अप्रैल में गैर-आवश्यक वस्तुओं के कारोबार को कुल मिलाकर 45 फीसदी का नुकसान हुआ है।