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‘नए प्रावधान कानून की कसौटी पर नहीं’

Last Updated- December 12, 2022 | 4:07 AM IST

नए सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून पर उठे विवाद के बाद इसके बचाव में सरकार द्वारा दिए गए तर्क से विधि विशेषज्ञ सहमत नहीं हैं। सरकार ने पिछले सप्ताह बुधवार को कहा था कि ‘निजता का अधिकार’ अपने आप में पूर्ण नहीं है और इसकी कुछ सीमाएं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) की निजता का हनन करने के लिए नए आईटी नियम में शामिल किए गए प्रावधान तर्कसंगत नहीं हैं। डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन एक्सेस नॉ का कहना है, ‘सरकार का यह कहना गले नहीं उतरता कि संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने की शर्त निजता के अधिकार के साथ जोडऩा तार्किक है। सरकार का यह रुख पुत्तास्वामी मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। निजता का अधिकार के साथ कुछ सीमाएं कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरती है।’
पिछले हफ्ते मंगलवार को फेसबुक नियंत्रित व्हाट्सऐप ने नए आईटी नियमों के उस प्रावधान पर भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें आवश्यक होने पर सोशल मीडिया एवं संदेश सेवाएं देने वाली इकाइयों (प्लेटफॉर्म) को संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए कहा जा सकता है। व्हाट्सऐप ने अपनी याचिका में कहा कि मौजूदा कानूनों के अनुसार तीन जरूरी शर्तें-कानूनन वैध, सरकार के वाजिब उद्देश्य की पूर्ति के लिए आवश्यक और तर्कसंगत- पूरी होने की स्थिति में ही निजता का अधिकार के साथ पाबंदी जोड़ी जा सकती है। पुत्तास्वामी मामले में शीर्ष न्यायालय के आदेश में इन शर्तों का उल्लेख है। एक्सेस नॉ ने कहा, ‘केवल कुछ उपद्रवियों की पहचान के लिए संदेश के मूल स्रोत का पता लगानेसे जुड़े प्रावधान से लाखों उपयोगकर्ताओं के मानवाधिकार का हनन हो सकता है। समाज में दहशत या देश को नुकसान पहुंचाने के मकसद से संदेश भेजने वाले लोग ऑनलाइन माध्यम से संवाद करने का प्लेटफॉर्म बदल सकते हैं और स्वयं अपना प्लेटफॉर्म तैयार कर सकते हैं जबकि दूसरी तरफ बड़ी तादााद में लोगों की निजता भंग हो जाएगी।’
व्हाट्सऐप ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा है कि नए आईटी नियमों के अनुसार उन्हें संदेश के मूल स्रोत का पता लगाना होगा जिससे उपयोगकर्ताओं की निजता प्रभावित होगी। सरकार ने अपने एक बयान में कहा है कि यह व्हाट्सऐप की जिम्मेदारी है कि वह संदेश भेजने वाले मूल व्यक्ति का पता लगाने के साथ ही उपयोगकर्ताओं की निजता बनाए रखे।

First Published - June 1, 2021 | 11:10 PM IST

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