तकरीबन 58,400 करोड़ रुपये की मीडिया और इंटरटेनमेंट उद्योग ने पिछले साल के मुकाबले 12.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
फिक्की और केपीएमजी की क्षेत्रवार रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह उद्योग अगले पांच साल तक 12.5 फीसदी की चक्रवृद्धि सालाना विकास दर (सीएजीआर) से वृद्धि कर सकता है और 1,05,200 करोड़ का उद्योग बन सकता है।
रिपोर्ट में मौजूदा आर्थिक संकट के मद्देनजर 2008 की अंतिम तिमाही में विज्ञापन आय में चुनौती बढ़ने पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है।
टीवी, प्रिंट, रेडियो और आउटडोर मीडिया, जो मुख्य तौर पर विज्ञापन से होने वाली आय पर निर्भर करते हैं, इस संकट के दौरान प्रभावित हो सकती है।
आर्थिक संकट का असर इन क्षेत्रों पर इस साल भी जारी रहने की संभावना जताई गई है।