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महंगी हुई मैनेजमेंट की पढाई

Last Updated- December 10, 2022 | 11:17 PM IST

फाइनैंशियल टाइम्स के मुताबिक दुनियाभर के बिजनेस स्कूलों में 15वीं पायदान पर विराजमान इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) ने भी अपनी फीस में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है।
शुक्रवार को आईएसबी ने खुलासा किया कि उसने अपने एक साल के पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रम (पीजीपी) की एकेडमिक फीस (टयूशन और एडमिशन फीस समेत) में 10 फीसदी यानी डेढ़ लाख रुपये की बढ़ोतरी करके 16.5 लाख रुपये कर दी है। यह बढ़ोतरी 2009-10 के सत्र से लागू होगी।
संस्थान की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, पीजीपी कार्यक्रम के लिए छात्रों को अब दो लाख रुपये एडमिशन फीस और 14.5 लाख रुपये बतौर टयूशन फीस खर्चने होंगे। इस खर्च के अलावा, रिहाइश, किताबों, लैपटॉप, पूर्व छात्र संघ पंजीकरण शुल्क और खाने के लिए लगभग 2.66 लाख रुपये खर्चने होंगे।
सभी खर्चों को मिलाकर संस्थान के इस एक वर्षीय कोर्स के लिए कुल खर्च अब 19.16 लाख रुपये बैठेगा। हालांकि फीस में हुई बढ़ोतरी की बाबत जब संस्थान के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा- यह तो खर्च में संतुलन बिठाने के लिए उठाया गया एक मामूली कदम है।
संस्थान के मौजूदा बैच (2008-09) के छात्रों ने बताया कि उन्होंने यहां के एक वर्षीय कोर्स के लिए एकेडमिक फीस के तौर पर 15 लाख रुपये का भुगतान किया है। अन्य खर्चों को अगर मिलाया जाए तो उनके लिए यहां पढ़ाई का कुल खर्च प्रति छात्र फिलहाल 17.66 लाख रुपये बैठ रहा है।
फीस बढ़ोतरी के साथ-साथ आईएसबी 2009-10 के सत्र से ही संस्थान की कुल 440 छात्रों की क्षमता को भी बढ़ाकर 600 तक करने जा रहा है। संस्थान में छात्रों की तादाद में बढ़ोतरी के चलते ही न सिर्फ उनके लिए रिहाइशी सुविधाएं भी बेहतर की जा रही हैं, बल्कि शिक्षकों के कार्य घंटों को भी बढ़ाया जा रहा है।
संस्थान का यह कोर्स एक साल का भले ही हो लेकिन गुणवत्ता के मामले में दुनियाभर के बाकी स्कूलों के दो वर्षीय पाठयक्रमों से किसी भी मामले में कमतर साबित नहीं होता है।

First Published - April 4, 2009 | 6:23 PM IST

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