भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर खर्च 2021 में 88.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है जो पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी अधिक है। अनुसंधान फर्म गार्टनर के एक आकलन से यह खुलासा हुआ है। वर्ष 2020 में भारत के आईटी खर्च में 2.7 फीसदी की गिरावट आई क्योंकि मुख्य सूचना अधिकारियों ने वैश्विक महामारी के शुरुआती चरणों में ‘मिशन-क्रिटिकल’ समझी जाने वाली प्रौद्योगिकी एवं सेवाओं पर खर्च को प्राथमिकता दिया था।
गार्टनर के अनुमान के अनुसार, साल 2021 के दौरान दुनिया भर में आईटी खर्च 3.9 लाख करोड़ डॉलर होगा जो 2020 के मुकाबले 6.2 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। अनुसंधान फर्म का कहना है कि अधिकतर लोगों द्वारा घर से काम करने, ऑनलाइन शिक्षा और नए सामाजिक मानदंडों को पूरा करने के लिए पिछले साल डिजिटल बदलाव को काफी रफ्तार मिली। इससे आईटी खर्च में वृद्धि हुई।
गार्टनर के वरिष्ठ अनुसंधान निदेशक नवीन मिश्रा ने कहा, ‘साल 2021 में मुख्य सूचना अधिकारियों अपनी डिजिटल परियोजनाओं को रफ्तार देने और उन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बोर्ड से आवश्यक मंजूरी लेनी पड़ेगी।’ ‘डिजिटल पहल वर्तमान आर्थिक वातावरण में एक छोटे आरओआई (निवेश पर रिटर्न) के साथ सीधे तौर पर ग्राहकों के साथ बेहतर तालमेल से संबंधित है। देश में चुनिंदा आईटी श्रेणियों के मांग परिदृश्य में सुधार होने से 2021 में कुल आईटी खर्च में वृद्धि होगी।’
आईटी खर्च वाली सभी श्रेणियों के 2021 के दौरान रिटर्न की राह पर लौटने की उम्मीद है। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में सबसे अधिक (8.8 फीसदी) का सुधार दिख सकता है। इसके बाद उपकरण श्रेणी में 8 फीसदी की वृद्धि दिखने की उम्मीद है और इस श्रेणी का आईटी खर्च साल के दौरान बढ़कर 705.4 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
गार्टनर के उपाध्यक्ष जॉन-डेविड लवलॉक ने कहा, ‘इस साल कई कारणों से उपकरण बाजार में तेजी दिख रही है।’ उन्होंने कहा, ‘इस साल स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा जारी है और ऐसे में छात्रों के लिए टैबलेट और लैपटॉप की मांग बनी रहेगी। इसी तरह, कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दे रही हैं। इससे बजट में स्थिरता आई है और ऐसे में 2020 की परियोजनाओं में नए सिरे से निवेश करने की गुंजाइश दिख रही है।’
गार्टनर के अनुमान के अनुसार, साल 2021 में कुल वैश्विक आईटी खर्च 332.9 अरब डॉलर होगा जो 2020 के मुकाबले 4.9 फीसदी अधिक है।