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5जी के परीक्षण को हरी झंडी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:12 AM IST

दूरसंचार विभाग ने आज मोबाइल सेवा प्रदाताओं को उन उपकरण विनिर्माताओं के साथ मिलकर देश में 5जी तकनीक का परीक्षण करने की अनुमति दे दी, जिनके साथ उनका करार है। मगर चीनी उपकरण विनिर्माताओं के साथ परीक्षण की इजाजत नहीं है। केंद्र सरकार ने भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल को 5जी के इस्तेमाल का परीक्षण करने की मंजूरी दे दी है।
इन सेवा प्रदाताओं ने मूल उपकरण विनिर्माता और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ साझेदारी की है, जिनमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड अपनी स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर परीक्षण करेगी। दूरसंचार विभाग द्वारा 5जी परीक्षण की अनुमति प्राथमिकता और कंपनियों द्वारा खुद चुने गए प्रौद्योगिकी साझेदारों के आधार पर दी गई है।
नोकिया इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘नोकिया इंडिया ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में परीक्षण के सरकार के फैसले का स्वागत करती है। यह फैसला डिजिटल इंडिया की दीर्घकालिक योजना के मुताबिक ही है। हमें भरोसा है कि तकनीक के मामले में अपनी बढ़त और दुनिया भर में यह सेवा देने के तजुर्बे के कारण हम अपने ग्राहकों को 5जी तकनीक लागू करने में मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चेन्नई में 5जी विनिर्माण की हमारी क्षमता भी इसमें मददगार होगी।’
5जी परीक्षण के लिए ऑपरेटरों को मध्यम-बैंड (3.2 से 3.67 गीगाहट्र्ज), मिलीमीटर बैंड  (24.25 से 28.5 गीगाहट्र्ज) और सब-गीगाहट्र्ज बैंड (700 गीगाहट्र्ज) में स्पेक्ट्रम दिया जाएगा। 5जी परीक्षण के लिए ऑपरेटर अपना स्पेक्ट्रम (800, 900, 1,800 और 2,500 मेगाहट्र्ज) भी इस्तेमाल कर पाएंगे। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक ले. जन. डॉ. एसपी कोछड़ ने कहा, ‘इससे वाणिज्यिक जरूरतों के मुताबिक नए ऐप्लिकेशन इस्तेमाल करने के लिए देसी शोध एवं विकास ढांचे को तेजी मिलेगी। हमें उम्मीद है कि सरकार भी 5जी स्पेक्ट्रम की कीमत पर पुनर्विचार करने की उद्योग की मांग पर विचार करेगी।’ परीक्षण की अवधि फिलहाल छह महीने होगी। इनमें उपकरणों की खरीद तथा स्थापना के लिए दिए गए दो महीने भी शामिल हैं।
सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से कहा है कि उन्हें शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के नेटवर्क पर भी 5जी का परीक्षण करना होगा ताकि 5जी तकनीक का लाभ पूरे देश को मिले और यह केवल शहरी इलाकों तक सीमित होकर न रह जाए।
5जी परीक्षण का मकसद चुने गए उपकरणों तथा आपूर्तिकर्ताओं को दुरुस्त करना और उनका मूल्यांकन करना, स्वदेशी तकनीक का परीक्षण करना, टेली-मेडिसिन, टेली-एजूकेशन, ऑग्मेंटेड या वर्चुअल रियलिटी, ड्रोन के जरिये कृषि की निगरानी जैसे अनुप्रयोगों यानी ऐप्लिकेशन का परीक्षण करना है। 5जी तकनीक से डेटा डाउनलोड की रफ्तार (4जी के मुकाबले 10 गुना तेज) बढ़ेगी, स्पेक्ट्रम की कार्यकुशलता तीन गुना हो जाएगी और विलंब दर में भी कमी आएगी, जिससे आधुनिक  उद्योगों को फायदा होगा।

First Published - May 4, 2021 | 11:32 PM IST

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