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आईटी क्षेत्र के लिए मजबूत रहेगी चौथी तिमाही

Last Updated- December 12, 2022 | 6:17 AM IST

देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे सबसे अच्छे नतीजों में से एक रहने की संभावना है, जो उद्योग ने पिछली कुछ तिमाहियों और वर्षों में देखी है। यह कहना है विश्लेषकों का। डिजिटल टेक्नोलॉजिज में तेजी, कोविड-19 के बाद सुधरी हुई मांग और सौदे में तेजी व क्लाउड की ओर बढऩे के कारण तिमाही की बढ़त की रफ्तार मिलेगी।
बैंंकिंग व वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई), रिटेल, विनिर्माण व स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सुधार के साथ विश्लेषक मार्च, 2021 में समाप्त चौथी तिमाही में क्रमिक आधार पर राजस्व 2 से 5 फीसदी रहने का अनुमान जता रहे हैं और कई सालाना बढ़त की रफ्तार दो अंकों में रहने की संभावना जता रहे हैं।
चौथी तिमाही में क्रॉस करेंसी अवरोध का भी मामला रहा, जिसके बारे में कई विश्लेषकों का मानना है कि इसका फायदा 10 से 70 आधार अंकों का रहेगा। विश्लेषक इस पर भी सहमत हैं कि मांग में सुधार से बड़े वेंडरों को विशाखन आदि का फायदा मिलना जारी रहेगा और मध्यम व छोटी कंपनियों के लिए अवरोध पैदा होगा।
मोतीलाल ओसवाल के शोध विश्लेषकों अंकुर गर्ग और अनमोल गर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, हमें उम्मीद है कि टियर-2 आईटी कंपनियां स्थिर मुद्रा के लिहाज से तिमाही दर तिमाही 2.5 फीसदी से लेकर 3.4 फीसदी तक बढ़त दर्ज करेंगी, जो पिछले पांच वर्षों में उनकी सबसे मजबूत चौथी तिमाही (वित्त वर्ष 21) होगी। शुरुआती संकेत मसलन एक्सेंचर की तरफ से फरवरी, 21 की आय में ज्यादा ऑर्डर बुकिंग बताती है कि तकनीकी सेवाओं की मांग अप्रत्याशित रही है, जो वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में सौदे की रफ्तार पर प्रतिबिंबित होने का अनुमान है।
गार्टनर के ताजा अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में आईटी खर्च 2021 के दौरान कुल 3.9 लाख करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है, जो 2020 के मुकाबले 6.2 फीसदी ज्यादा है। साल 2020 में वैश्विक स्तर पर आईटी खर्च 3.2 फीसदी घटा था क्योंकि मुख्य सूचना अधिकारियों ने तकनीक व सेवाओं पर महामारी के शुरुआती चरणों में वैसे खर्च को प्राथमिकता दी जो उनके मिशन के लिए अहम थे।
शोध व सलाहकार फर्म ने कहा है कि 2024 में कारोबार अपनी डिजिटल कायापलट की योजना में तेजी लाने के लिए बाध्य होंगे ताकि कोविड-19 के बाद वाली दुनिया में अपना अस्तित्व बचा सके, जहां दूरदराज में रहकर काम करना स्थायी विकल्प बन गया है। गार्टनर का अनुमान है कि दूरदराज से होने वाले काम पर वैश्विक आईटी खर्च 2021 में 332.9 अरब डॉलर का रहेगा, जो साल 2020 के मुकाबले 4.9 फीसदी ज्यादा है।
नैसकॉम की तरफ से हुए सीईओ सर्वे में कहा गया है कि भारतीय टेक सीईओ ने साल 2021 में तकनीक पर खर्च को लेकर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है। करीब 71 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि वैश्विक खर्च चार फीसदी से ज्यादा बढ़ेगा। 71 फीसदी का यह आंकड़ा साल 2020 से ज्यादा है क्योंकि तब 59 फीसदी सीईओ ने साल के बेहतर रहने का अनुमान जताया था और सिर्फ 41 फीसदी सीईओ ने साल 2019 में एक साल पहले के मुकाबले खर्च ज्यादा रहने की संभावना जताई थी।
देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस राजस्व बढ़त के मामले में आगे रह सकती हैं और बाजार की नजर वित्त वर्ष 2022 के लिए इन्फोसिस के अनुमान व मांग पर नजर रहेगी, साथ ही वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के लिए विप्रो की भविष्यवाणी पर भी।
मांग परिदृश्य के अलावा बाजार की नजर क्षेत्र विशेष को लेकर टिप्पणी (खास तौर से यूरोप) पर भी रहेगी, जिनमें भारत व विदेश में नियुक्ति की योजना शामिल है।
टीसीएस पहले ही वेतन बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी है और कई को इंतजार रहेगा कि बाकी कंपनियां क्या करती हैं और मार्जिन पर उसका क्या असर होता है। कई लोग पहले ही वेतन बढ़ोतरी का एबिटा पर 140-150 आधार अंक असर अनुमान को समाहित कर चुके हैं।

First Published - April 5, 2021 | 12:05 AM IST

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