केंद्र जल्द ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और एमटीएनएल की परिसंपत्तियों की फिर से नीलामी शुरू करेगा। सरकार बिक्री की उन कुछ शर्तों को हटाने या नरम बनाने पर फैसला लेने जा रही है, जिनकी वजह से पहले प्रयास में बोलियां नहीं मिल पाई थीं।
निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने अपने नए ई-बोली पोर्टल के जरिये बिक्री के लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल की छह परिसंपत्तियां चिह्नित की थीं, लेकिन यह नीलामी निवेशकों को बहुत ज्यादा नहीं लुभा पाई। इस पोर्टल को सरकारी कंपनी एमएसटीसी ने परिसंपत्ति मुद्रीकरण के लिए विकसित किया था। दीपम ने सरकार द्वारा नियुक्त परिसंपत्ति सलाहकारों को समाधान के लिए बोली के मापदंडों में दिक्कतें चिह्नित करने को कहा था।
एक अधिकारी ने कहा कि इन परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए कुछ शर्तों को नरम बनाया जाएगा। दीपम सचिव की अगुआई वाला अंतर-मंत्रालय समूह इन दो सरकारी दूरसंचार कंपनियों की और परिसंपत्तियां चिह्नित कर उन्हें मंजूरी देगा। इन परिसंपत्तियों को कर्ज घटाकर इन कंपनियों को उबारने की रणनीति के तहत इस सप्ताह ही बिक्री के लिए रखा जाएगा।
इन दो दूरसंचार कंपनियों की छह परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण भी 2019 के आखिर में केंद्र द्वारा घोषित पुनरुद्धार पैकेज का हिस्सा था। दूरसंचार विभाग इन छह परिसंपत्तियों की बिक्री से 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद कर रहा था। इनमें बीएसएनएल के चार भूखंड और मुंबई में एमटीएनएल की भूमि एवं आवासीय फ्लैट शामिल हैं। ये परिसंपत्तियां पहले दीपम के परिसंपत्ति मुद्रीकरण पोर्टल पर दिखाई गई थीं। इनमें बीएसएनएल की हैदराबाद में करीब 400 करोड़ रुपये की भूमि, राजपुरा में करीब 70 करोड़ रुपये की भूमि, भावनगर में 41 करोड़ रुपये की 5 एकड़ भूमि और कोलकाता में 161 करोड़ रुपये मूल्य की 11 एकड़ भूमि शामिल है। एमटीएनएल की मुंबई में 1.36 एकड़ की परिसंपत्ति का मूल्य 270 करोड़ रुपये और 20 आवासीय फ्लैटों की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। इन्हें भी नीलामी के लिए रखा गया, लेकिन कुछ आवासीय फ्लैटों में भी खरीदारों ने रुचि दिखाई।
हैदराबाद में बीएसएनएल की 11 एकड़ भूमि की खातिर बोली लगाने के लिए 100 करोड़ रुपये का नेटवर्थ जरूरी था। बीएसएनएल की राजपुरा में 20 एकड़ जमीन के लिए खरीदारों का नेटवर्थ 17 करोड़ रुपये होना जरूरी था। गुजरात और कोलकाता की जमीन के इच्छुक खरीदारों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ क्रमश: 10.25 करोड़ रुपये और 40.25 करोड़ रुपये आवश्यक था। पहला प्रयास असफल रहने के बाद सरकार की तरफ से नियुक्त सलाहकारों को नियम एवं शर्तों में वे बदलाव निर्धारित करने को कहा गया, जिनमें रियायत दी जानी थी। इसे सरकार के साथ साझा कर दिया गया है। बीएसएनएल और एमटीएनएल की छह परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए सरकार की सलाहकारों में सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड, जेएलएल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (इंडिया), कुशमैन ऐंड वेकफील्ड और नाइटफ्रैंक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा इन दो सरकारी दूरसंचार कंपनियों की और परिसंपत्तियां भी मुद्रीकरण के लिए चिह्नित की गई हैं, जिससे इन्हें कर्ज का भुगतान करने, बॉन्ड अदायगी, नेटवर्क को सुधारने, विस्तार और परिचालन कोष की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी।
यह बिक्री दीपम अपने मुद्रीकरण पोर्टल के जरिये कर रहा था क्योंकि विभाग को 100 करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को मदद देने के लिए कहा गया था।
