शीर्ष भारतीय स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कर रियायत एवं प्रोत्साहन दिए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर केंद्रीय बजट आर्थिक सुधार एवं भविष्य की वृद्धि के लिए कई महत्त्वपूर्ण स्तंभों को मजबूत करता दिख रहा है।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ग्रुप के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश आकर्षित करने, घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर स्पष्ट तौर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने में तेजी लाने और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘यह एक सुविचारित बजट है जो मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया मिशन के लिए नए अवसर पैदा करता है। यह आज के युवा एवं आकांक्षी भारत के लिए वृद्धि एवं अवसर की दमदार रूपरेखा तैयार करता है।’
राइड हेलिंग फर्म ओला के चेयरमैन एवं ग्रुप सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत किए गए उपायों से वाहन, वित्तीय सेवा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक चैंपियन तैयार करने में मदद मिलेगी। यह एक ऐसे वातावरण को भी बढ़ावा देगा जहां भारत वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं का अभिन्न हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहा कि बीमा और बुनियादी ढांचे में निवेश बढऩे से पूंजी के नए मार्ग खुलेंगे। इसके अलावा कारोबारी सुगमता में सुधार होने से भारत एक वैश्विक नवाचार केंद्र के तौर पर उभरेगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘हम अपनी ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) योजनाओं के साथ सरकार के स्वच्छ हवा पर ध्यान केंद्रित करने का समर्थन करते हैं। इससे दुनिया में सस्टेनेबल मोबिलिटी को अपनाने की रफ्तार बढ़ेगी।’
बजट 2021 में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए कई सकारात्मक पहल की गई है। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के सह-संस्थापक एवं सीईओ कुणाल बहल ने कहा कि गिग वर्कर्स यानी मांग के आधार पर काम करने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा संबंधी लाभ प्रदान करने की दिशा में उठाया गया कदम उन्हें एक अत्यावश्यक सुरक्षा दायरे में ले आएगा। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र को सतत विकास करने में मदद मिलेगी और इससे जुड़े लाखों लोगों को इसका फायदा होगा। साथ ही, संस्थापकों के लिए निवास संबंधी आवश्यकताओं को कम करने से प्रतिभाओं का प्रवाह बढ़ेगा और स्टार्टअप परिवेश को बढ़ावा मिलेगा। बहल ने कहा, ‘स्टार्टअ प के लिए टैक्स हॉलिडे में 1 साल का विस्तार दिए जाने, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, छोटे कारोबारियों के लिए पूंजी की सीमा को 2 करोड़ रुपये तक बढ़ाना स्टार्टअप क्षेत्र के लिए अन्य लाभ हैं।’
वर्ष 2020 के दौरान डिजिटल भुगतान में 80 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और विशेष तौर छोटे शहरों एवं कस्बों में इसका उपयोग बढ़ा है। सरकार ने इस रफ्तार को भुनाने और आगामी वर्ष में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए समझदारी से काम लिया है।
फिनटेक यूनिकॉर्न रेजरपे के सीईओ एवं सह-संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि 1,500 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा से फिनटेक को नई सामान्य स्थिति के लिए नवाचार करने का अपार अवसर मिलेगा जिसे बड़े पैमाने पर छोटे शहरों एवं गांवों में भी अपनाया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस रकम का उपयोग शून्य एमडीआर (मर्चेंट छूट दर) नीति के विकल्पों को विकसित करने और क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल वित्तीय साक्षरता लाने की दिशा में किया जाएगा।’
प्रमुख डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम के मुख्य वित्तीय अधिकारी विकास गर्ग ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान जमीनी स्तर पर लोगों को सशक्त करने एक प्रमुख साधन के तौर पर उभरा। उन्होंने कहा कि इसने लाखों लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था के दायरे में लाया। उन्होंने कहा, ‘बुनियादी ढांचे, बीमा और डिजिटल भुगतान पर सरकार द्वारा लगातार ध्यान दिए जाने से आम लोगों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित होगा।’
एडुटेक कंपनी वेदांतु के सीईओ एवं सह-संस्थापक वामसी कृष्णा के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए एक रणनीतिक पहल है। इस नीति को और मजबूत करने के लिएकेंद्रीय बजट में नैशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्किटेक्चर (एनडीईए) जैसी पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इससे डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास, शैक्षिक योजना, शासन एवं प्रशासनिक गतिविधियों के लिए विविध शैक्षिक परिवेश तैयार होने की उम्मीद है।
