पिछले कुछ वर्षों में जहां विपरीत परिस्थितियों ने ऐपल के भारतीय व्यवसाय को मुख्य तौर पर उसके स्मार्टफोन पोर्टफोलियो तक सीमित बनाए रखा, वहीं अब वह सफलतापूर्वक दबाव का सामना करने में कामयाब रही है। वर्ष 2021 में, क्यूपरटिन्हो में मुख्यालय वाली इस कंपनी ने भारत पर अपना दांव तेज किया है।
अपने दूसरे सबसे बड़े पोर्टफोलियो (मैक) की बिक्री में तेजी के साथ कंपनी ने प्रीमियम कंप्यूटर, टैबलेट और ओवर-द-टॉप कंटेंट के लिए बढ़ रही उपभोक्ताओं की दिलचस्पी का लाभ उठाने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की है। वर्ष के लिए अपनी पहली प्रमुख घोषणा के तहत ऐपल के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक ने आईमैक, आईपैड प्रो, ऐपल टीवी 4के, एयरटैग और नए कलर में आईफोन 12 को पेश किया है। पहले जहां भारतीय उपभोक्ताओं को ऐपल के नए ब्रांडों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब कंपनी पूरी रेंज स्थानीय बाजार में ला रही है नए आईमैक, दो आईपैड और आईफोन 12 और 12 मिनी वैरिएंट के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जपान की तरह ही 30 अप्रैल से ऑर्डर किए जा सकेंगे।
आईफोन 12 रेंज के विपरीत, इस बार ऐपल ने इसकी कीमतों को सख्त बनाए रखा है। 24 इंच के एम1 आईमैक को 119,900 रुपये की शुरुआती कीमत के साथ पेश किया गया है, जो उसके 512जीबी मैकबुक एयर के समान है, जबकि एम1 आईपैड (11 और 12.9 इंच) पहले की तरह ही 71,900 रुपये और 99,900 रुपये की कीमत से शुरू हैं।
भारत में इन उत्पादों की उपलब्धता महत्वपूर्ण समय पर की गई है। इन नए आईमैक और आईपैड के साथ, ऐपल ने दो उत्पाद रेंजों में अपने बहुप्रतीक्षित एम1 चिपसेट को पेश किया है। पिछले साल अपने 13 इंच के मैकबुक एयर और प्रो की पेशकश के बाद से मैक के लिए मांग स्थानीय बाजार में तेजी से बढ़ी है।
आईडीसी से प्राप्त आंकड़े से पता चला है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में, जहां भारत में कुल पीसी बिक्री 6.4 प्रतिशत घटी, वहीं मैकबुक की बिक्री में सालाना आधार पर 24.4 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया, जिसके साथ ही भारतीय बाजार में ऐपल की भागीदारी बढ़कर 3 प्रतिशत हो गई।
आईडीसी इंडिया के सहायक शोध प्रबंधक जयपाल सिंह के अनुसार, पिछले साल ऐपल ने पीसी बाजार में अच्छी तेजी दर्ज की और 2021 में भी यह बरकरार है। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर पेशेवर घर से काम कर रहे हैं, जिससे मैक जैसे शानदार प्रदर्शन वाले नोटबुक के लिए मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा ऑनलाइन शिक्षा से भी नए टैबलेट की खरीदारी को बढ़ावा मिला है। इन कारकों से ऐपल को भारत में तेजी से बढऩे में मदद मिल रही है।’
दरअसल, 2020 के मध्य से मैक के लिए ऊंची मांग ने उसकी पहुंच ज्यादातर उपभोक्ताओं के लिए आसान बना दी है। लेकिन अभी भी, एम1 मैक के सिर्फ कुछ मॉडल ही एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स चैनलों पर उपलब्ध हैं। अनुमानों के अनुसार, भारत में ऐपल ने 2020 में 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के मैकबुक और आईमैक की बिक्री की, जो डेल और एचपी को छोड़कर कई प्रख्यात नोटबुक ब्रांडों के मुकाबले ज्यादा है।