facebookmetapixel
₹101 तक जा सकता है SmallCap Stock! हाई से 30% नीचे कर रहा ट्रेड, ब्रोकरेज ने कहा- मौका हे ग्रेटतेज गेंदबाज क्रांति गौड़ को मध्य प्रदेश सरकार देगी ₹1 करोड़ का ईनामSEBI New Mutual Fund Rule: निवेश होगा सस्ता, बड़ी AMCs पर बढ़ेगा मार्जिन प्रेशरIOCL, BPCL, HPCL के शेयर 52 वीक हाई पर, अब खरीदने पर होगा फायदा? जानें ब्रोकरेज का नजरियाBharti Airtel Q2 Result: मुनाफा दोगुना होकर ₹8,651 करोड़, ARPU बढ़कर ₹256 पर पहुंचाEdelweiss MF ने लॉन्च किए 2 नए ETFs, ₹5,000 से निवेश शुरू; सेंसेक्स और निफ्टी-50 पर नजरदेव दीपावली पर वाराणसी पहुंचेंगे 10 लाख से ज्यादा पर्यटक, होटलों की बुकिंग फुलDefence PSU Stock: ₹74,500 करोड़ की ऑर्डरबुक, 5 साल में 1300% रिटर्न; ब्रोकरेज ने अब बढ़ाया टारगेट प्राइसभारत बनेगा सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब, FY28 तक ₹69,000 करोड़ निवेश का अनुमानAngle One AMC ने उतारा देश का पहला स्मार्ट बीटा फंड, ₹1,000 की SIP से शुरू करें निवेश

गांवों में लगेंगे 11,000 फोन टॉवर

Last Updated- December 05, 2022 | 7:04 PM IST

निजी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां 11,000 बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित करने के लिए 4,500 से 5,000 करोड रुपये निवेश कर सकती हैं।


इन बीटीएस का निर्माण यूनीवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के दूसरे चरण के तहत किया जाएगा। इस निवेश से ग्रामीण क्षेत्रों में टेली-डेंसिटी (प्रति 100 व्यक्तियों पर टेलीफोन या मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों की संख्या) में वृद्धि होगी, जो अभी काफी कम यानी 4 प्रतिशत है अर्थात् प्रति सौ व्यक्तियों पर ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 4 व्यक्ति ही टेलीफोन या मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। अभी भारत की टेली-डेंसिटी 24 प्रतिशत है।


 इस पूरी प्रक्रिया में लगने वाले खर्च का सही आकलन तब किया जा सकता है जब दूरसंचार विभाग यूएसओएफ के तहत रियायत राशि की घोषणा कर देगा। दूरसंचार विभाग के एक सूत्र के मुताबिक दूसरे कोष की घोषणा एक दो महीने में कर दी जाएगी, जब दूरसंचार मंत्रालय ब्यौरे को अंतिम रुप दे देगा।


अगर किसी गांव में एक टॉवर लगाया जाता है तो उसमें 30 से 35 लाख रुपये का खर्च आता है और उसकी देखभाल का खर्च तो बहुत अधिक है। पहाड़ी क्षेत्रों में अगर इसी टॉवर को लगाया जाए तो खर्च और बढ़ जाता है क्योंकि वहां इसकी ऊंचाई काफी अधिक होती है।इन गांवों में टॉवर बिछाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें तकरीबन 3,000 से 3,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसकी देखभाल और उपकरणों की खरीद पर लगे खर्च को अगर जोड दिया जाए तो यह 4,500 से 5,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।


अर्द्ध-शहरी, दूरस्थ और ग्रामीण इलाके में टॉवर बिछाने की जगहों का निर्धारण मंत्रालय के रेडियो फ्रीक्वेंसी प्लानिंग कमिटी ने कर दिया है। मंत्रालय ने विनिर्माण और सेवा प्रदान करने के संदर्भ में भी एक मीटिंग इस वर्ष के शुरू में बुलाई थी। इस संदर्भ में मंत्रालय ने उद्योग जगत से सुझाव भी मांगे हैं।


यूएसओएफ टेलिकॉम कंपनियां बनाती है ,जिसमें समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का 5 प्रतिशत जमा करना होता है। इन राशियों का इस्तेमाल बाद में टेलीफोन के क्षेत्र विस्तार में किया जाता है।यूएसओएफ के पहले चरण के तहत दूरसंचार विभाग ने 27 राज्यों के 500 जिलों में 7,871 टॉवर लगाने के लिए बोली लगाई थी। ये टॉवर मुख्यत: मोबाइल को ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए लगाए गए थे।


भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने पहले चरण में पूरे टॉवर का 80 प्रतिशत टॉवर यानी 6,000 टॉवर प्राप्त किया था।  बाकी टॉवर बिछाने का अधिकार जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर ,ह्यूज एस्कॉर्ट्स क म्युनिकेशन, हचिसन-एस्सार, क्विपो इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस इन्फ्राटेल को दिया गया था।


…विकास की कवायद


गांवों में टॉवर बिछाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें तकरीबन 3,000 से 3,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसकी देखभाल और उपकरणों की खरीद पर लगे खर्च को अगर जोड दिया जाए तो यह 4,500 से 5,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।

First Published - April 4, 2008 | 10:58 PM IST

संबंधित पोस्ट