सन फार्मास्युटिकल ने शेयर बाजारों को बताया कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) ने 8 सितंबर से 19 सितंबर, 2025 के बीच किए गए निरीक्षण के बाद गुजरात में उसकी बास्का विनिर्माण इकाई को ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड (ओएआई) के तौर पर वर्गीकृत किया है।
सेबी (सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा अनिवार्यता) अधिनियम, 2015 के नियम 30 के तहत नियामकीय सूचना में देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी ने कहा कि इस निरीक्षण के नतीजे से अमेरिकी बाजार में मौजूदा विनिर्माण या आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कहा, ‘हम इस इकाई से अमेरिकी बाजार में स्वीकृत उत्पादों का विनिर्माण और आपूर्ति जारी रखेंगे। हम पूरी तरह अनुपालन का दर्जा हासिल करने के लिए नियामक के साथ काम करेंगे।’
ओएआई वर्गीकरण का मतलब है कि नियामक ने अनुपालन संबंधी कुछ ऐसे महत्त्वपूर्ण मसलों की पहचान की है जिन पर आगे नियामकीय कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि सन फार्मा का यही कहना है कि वह यूएसएफडीए के साथ मिलकर इन टिप्पणियों को दूर करने और इकाई में पूरी तरह से अनुपालन बहाल करने के लिए काम करेगी। इस खुलासे पर बाजार की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही और गुरुवार को सन फार्मा का शेयर 2.7 प्रतिशत गिरकर 1,745.35 रुपये पर बंद हुआ।