पुराने टायर बदले जाने और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) की जरूरतों के कारण देश में टायरों की मांग में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान छह से आठ प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
बेहतर उत्पाद मिश्रण और इनपुट के स्थिर दामों से वित्त वर्ष 24 में टायर उद्योग के मार्जिन में 200 से 300 आधार अंक के विस्तार का योगदान मिलने का अनुमान है। उद्योग ने वित्त वर्ष 23 में क्रमश: लगभग 11 प्रतिशत और चार प्रतिशत का परिचालन और शुद्ध मार्जिन दर्ज किया। वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही के दौरान इनपुट के अधिक दामों और बढ़ती माल ढुलाई लागत की वजह से मार्जिन पर असर पड़ा था, लेकिन दूसरी छमाही में इसमें सुधार हुआ।
इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 24 में मार्जिन में 200 से 300 आधार अंकों का विस्तार होगा। वित्त वर्ष 24 में ओईएम खंड में पिछले साल के मुकाबले सात से नौ प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इक्रा ने अनुमान जताया है कि यात्री वाहनों की मांग स्थिर रहेगी, लेकिन उसने इस बात पर जोर दिया कि बीएस 6.2 उत्सर्जन मानदंडों में बदलाव से पहले की खरीद के कारण वाणिज्यिक वाहन खंड में वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में सुस्ती देखी गई है।
वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बुनियादी ढांचे और निर्माण गतिविधियों से मदद मिली है। दोपहिया वाहन खंड में सुधार आगामी तिमाहियों में मॉनसून के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। इक्रा के सहायक उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) नित्या देबबाड़ी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में 26 प्रतिशत के तेज विस्तार के बाद वित्त वर्ष 2023 में घरेलू टायर उद्योग के राजस्व में 19.5 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि घरेलू टायर मांग में पिछले साल की छह से आठ प्रतिशत की वृद्धि, निर्यात में संभावित गिरावट और स्थिर औसत प्राप्तियों के कारण वित्त वर्ष 24 में राजस्व वृद्धि सीमित होकर पांच से सात प्रतिशत रह जाएगी। प्रतिस्थापन खंड में एजेंसी ने वित्त वर्ष 24 में मध्य स्तर वाली एक अंकीय वृद्धि की उम्मीद जताई है। दो साल की रुकी हुई मांग और दाम बढ़ोतरी के बाद वित्त वर्ष के दौरान वॉल्यूम वृद्धि स्थिर होने की उम्मीद है।
वैश्विक आर्थिक मंदी और मुद्रास्फीति के दबाव से प्रभावित प्रमुख बाजारों की ओर से मांग में कमी के कारण वित्त वर्ष 23 के दौरान टायर की निर्यात के वॉल्यूम में सात प्रतिशत तक की कमी आई है। इक्रा का अनुमान है कि अगली कुछ तिमाहियों में निर्यात मांग कमजोर रहेगी।