दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर एक उन्नत प्रणाली तैयार की है, जिससे ग्राहकों के पास फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल आने से पहले ही उसकी पहचान कर उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। दूरसंचार विभाग ने शुक्रवार को कहा कि सभी चारों दूरसंचार कंपनियों ने इस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है। इनमें सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया शामिल हैं।
दो चरणों में लागू होने वाली इस प्रणाली में सबसे पहले दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के स्तर से ही ग्राहकों के फोन नंबरों के साथ फर्जी कॉल रोके जाएंगे और फिर केंद्रीय स्तर पर अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के ग्राहकों के नंबर के साथ भी फर्जी कॉल रोकेगा।
ऐसे फर्जी कॉल करने वाले अक्सर वास्तविक स्रोत छिपाने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का फायदा उठाते हैं। ऐसे अपराधी ग्राहकों को फोन कर उनका मोबाइल नंबर बंद करने, फर्जी डिजिटल अरेस्ट और यहां तक की कभी-कभी तो ये नकली सरकारी अधिकारी अथवा विधि प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी बनकर भी फोन करते हैं। हालिया घटनाओं में ड्रग्स, नशीले पदार्थ और सेक्स रैकेट से जुड़े फर्जी आरोप शामिल हैं, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
दूरसंचार विभाग ने कहा, ‘कुल 45 लाख फर्जी कॉलों में से करीब एक तिहाई को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में नहीं आने दिया जा रहा है।अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली शामिल है जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में बचे हुए फर्जी कॉलों को खत्म कर देगी और इसके जल्द ही चालू होने की उम्मीद है।’