बैंकों द्वारा दिए गए ऋण की वृद्धि दर 11 जुलाई को समाप्त पखवाड़े में सालाना आधार पर मामूली बढ़कर 9.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहीं इस दौरान जमा में वृद्धि 10.1 प्रतिशत पर स्थिर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जमा में वृद्धि, ऋण में वृद्धि से अधिक बनी हुई है, हालांकि अंतर घटकर 300 आधार अंक रह गया है।
पिछले साल की समान अवधि के दौरान बैंकिंग व्यवस्था के ऋण में 14 प्रतिशत, जबकि जमा में 11.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
अगर समग्र आंकड़े देखें तो ताजा आंकड़ों के मुताबिक बैंकों द्वारा दिया गया ऋण 184.63 लाख करोड़ रुपये है, जबकि जमा 233.25 लाख करोड़ रुपये है। पखवाड़े के दौरान ऋण में 23,036 करोड़ रुपये और जमा में 99,909 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इसके पहले के पखवाड़े में कुल ऋण और जमा क्रमशः 184.83 लाख करोड़ रुपये और 234.25 लाख करोड़ रुपये था।
मई 2024 के लगभग 20 प्रतिशत के उच्च स्तर की ऋण वृद्धि से तेजी से गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2025 में बैंकिंग उद्योग ने 11 प्रतिशत की ऋण वृद्धि दर्ज की, जबकि जमा में 10.26 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निजी क्षेत्र के ज्यादातर बड़े बैंकों ने ऋण वृद्धि सुस्त रहने की सूचना दी है।
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक के ऋण में 6.7 प्रतिशत, आईसीआईसीआई के ऋण में 11.5 प्रतिशत सालाना वृद्धि हुई है। वहीं ऐक्सिस बैंक का ऋण पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8 प्रतिशत बढ़ा है।
विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले एक साल में ऋण वृद्धि में मंदी तेज रही है, क्योंकि ऋणदाता असुरक्षित खुदरा, माइक्रोफाइनेंस कारोबार में बढ़ती चूक के बीच परिसंपत्ति की गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि अंडरराइटिंग मानकों को लगातार कड़ा कर रहे हैं।