भारत के इक्विटी बेंचमार्क मंगलवार को लगातार चौथे सत्र में चढ़ गए, जिन्हें सितंबर तिमाही की मजबूत आय की उम्मीदों और केंद्रीय बैंक के ऋण सुधारों से दिग्गज वित्तीय शेयरों को बढ़ावा मिला। निफ्टी 0.12 फीसदी चढ़कर 25,108.3 पर बंद हुआ जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.17% फीसदी के इजाफे के साथ 81,926.75 पर टिका। चार सत्रों में दोनों सूचकांकों में लगभग 2 फीसदी की वृद्धि हुई है। 16 प्रमुख सेक्टरों में से 12 में आज बढ़त दर्ज की गई। मिडकैप और स्मॉलकैप में क्रमशः 0.5 फीसदी और 0.3 फीसदी की वृद्धि हुई।
वित्तीय क्षेत्र में लगातार छठे कारोबारी सत्र में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई। भारत के दो सबसे बड़े निजी ऋणदाता और सबसे ज्यादा भार वाले शेयर एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में करीब एक-एक फीसदी की वृद्धि हुई।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख पंकज पांडे ने कहा, ऋणदाताओं से मिले शुरुआती अपडेट से संकेत मिलता है कि ऋण वृद्धि में तेजी आने लगी है। यह वित्तीय क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। सप्ताहांत में एचडीएफसी बैंक ने 10 फीसदी की ऋण वृद्धि दर्ज की जबकि कोटक महिंद्रा बैंक ने सितंबर तिमाही के दौरान ऋण वितरण में 15.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।
गैर-बैंक ऋणदाता बजाज फाइनैंस के शेयर में मंगलवार को 0.8 फीसदी की वृद्धि हुई, जिसमें सोमवार को करीब 2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। पिछले हफ्ते भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पूंजी बाजारों और बड़ी कंपनियों के लिए ऋण मानदंडों को आसान बनाने के कदम से भी वित्तीय क्षेत्र में तेज़ी को बल मिला।
हालांकि, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पांडेय ने कहा, आईटी (जो एक अन्य भारी वजन वाला क्षेत्र है) में निकट भविष्य में कोई महत्वपूर्ण रिकवरी होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि अमेरिका में विवेकाधीन खर्च को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
व्यक्तिगत शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 0.7 फीसदी उछली जबकि भारती एयरटेल में 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ क्योंकि आंकड़ों से पता चला कि अगस्त में उनके सक्रिय दूरसंचार ग्राहक लगातार बढ़ रहे थे। इस रुझान के उलट, ट्रेंट के शेयर 1.9 फीसदी गिर गए, क्योंकि रिटेलर ने मार्च 2021 तिमाही के बाद से अपनी सबसे धीमी एकल राजस्व वृद्धि दर्ज की।